Independence Day 2023 : पढ़िए प्रेमचंद की वो कहानी जिसे अंग्रेज सरकार ने कर दिया था बैन

Sahityiki

Independence Day 2023 : आज हम स्वतंत्रता दिवस की 77वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। आजादी की लड़ाई में साहित्य का भी विशिष्ट योगदान है। कई साहित्यकारों ने अपनी रचनाओं के जरिए लोगों के मन में देशभक्ति की अलख जगाने, उस समय के हालात दर्शाने और जागरूक करने का महत्वपूर्ण काम किया। आज हम आपके लिए लेकर आए हैं कथा सम्राट प्रेमचंद कहानी ‘दुनिया का सबसे अनमोल रत्न।’ ये उनकी शुरुआती कहानियों में से हैं और यह उस कहानी संग्रह का भी हिस्सा है जिसे अंग्रेज़ सरकार ने बैन कर दिया था।

दुनिया का सबसे अनमोल रत्न

दिल-फ़िगार एक पुरख़ार दरख़्त के नीचे दामन चाक किए बैठा हुआ ख़ून के आँसू बहा रहा था। वो हुस्न की देवी यानी मलिका दिल-फ़रेब का सच्चा और जाँ-बाज़ आशिक़ था। उन उश्शाक में नहीं जो इत्र-फुलेल में बस कर और लिबास-ए-फ़ाखिरा में सज कर आशिक़ के भेस में माशूक़ियत का दम भरते हैं, बल्कि उन सीधे सादे भोले भाले फ़िदाइयों में जो कोह और बयाबाँ में सर टकराते और नाला-ओ-फ़रियाद मचाते फिरते हैं। दिल-फ़रेब ने उससे कहा था कि, “अगर तू मेरा सच्चा आशिक़ है तो जा और दुनिया की सबसे बेश-बहा शय लेकर मेरे दरबार में आ। तब मैं तुझे अपनी गु़लामी में क़बूल करुँगी। अगर तुझे वो चीज़ न मिले तो ख़बरदार! इधर का रुख़ न करना वर्ना दार पर खींचवा दूँगी।” दिल-फ़िगार को अपने जज़्बे के इज़हार का, शिकवा-शिकायत और जमाल-ए-यार के दीदार का मुतलक़ मौक़ा न दिया गया। दिल-फ़रेब ने जूँ ही ये फ़ैसला सुनाया, उसके चोबदारों ने ग़रीब दिल-फ़िगार को धक्के दे कर बाहर निकाल दिया और आज तीन दिन से ये सितम-रसीदा शख़्स उसी पुरख़ार दरख़्त के नीचे इसी वहशत-नाक मैदान में बैठा हुआ सोच रहा है कि क्या करूँ? दुनिया की सब से बेश-बहा शय! ना-मुम्किन! और वो है क्या? क़ारून का ख़ज़ाना? आब-ए-हयात? ताज-ए-ख़ुसरो? जाम-ए-जम? तख़्त-ए-ताऊस? ज़र-ए-परवेज़? नहीं ये चीज़ें हरगिज़ नहीं। दुनिया में ज़रूर इनसे गिराँ तर, इनसे भी बेश-बहा चीज़ें मौजूद हैं। मगर वो क्या हैं? कहाँ हैं? कैसे मिलेंगी? या ख़ुदा मेरी मुश्किल क्यों कर आसान होगी!

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About Author
श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।