Ashadha Purnima 2024 : आषाढ़ पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन को भगवान विष्णु की पूजा और उपवास के लिए शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन किए गए धार्मिक कार्यों से दोगुना फल प्राप्त होता है। गुरु पूर्णिमा का महत्व केवल भगवान विष्णु की पूजा तक ही सीमित नहीं है। इस दिन शिष्य अपने गुरुओं का सम्मान करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। इस दिन लोग पवित्र नदियों में स्नान करते हैं, दान देते हैं और अपने गुरुओं के चरणों में भेंट चढ़ाते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ पूर्णिमा हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। इस साल आषाढ़ पूर्णिमा 21 जुलाई को मनाई जाएगी।
वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 20 जुलाई 2024, शनिवार को शाम 05:59 बजे शुरू होगी और इसका समापन 21 जुलाई 2024, रविवार को दोपहर 03:46 बजे होगा। इसी के आधार पर आषाढ़ पूर्णिमा इस बार 21 जुलाई को मनाई जाएगी। आषाढ़ पूर्णिमा के दिन पितरों की शांति और पितृ दोष से छुटकारा पाने के लिए विशेष उपाय किए जाते हैं।
करें ये उपाय
- एक बर्तन में पानी लें, जिसमें कच्चा दूध, थोड़ा पानी और सफेद फूल मिलाएं।
- चौमुखी दीपक जलाएं। दीपक को किसी पवित्र स्थान पर रखें। पितरों का तर्पण करें। तर्पण के लिए जल, काले तिल, दूध और जौ का उपयोग करें। पितृ स्तोत्र का पाठ करें।
- पितरों के लिए विशेष भोजन तैयार करें। भोजन में चावल, दाल, सब्जी, रोटी, खीर आदि शामिल कर सकते हैं। पितरों के लिए निकाले गए भोजन का कुछ अंश गाय, कुत्ता और कौए आदि को खिलाएं।
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