जीवनशैली, डेस्क रिपोर्ट। हिंदू मान्यताओं के अनुसार होली साल का अंत माना जाता है। जिसके बाद चैट महीने की शुरुवात होती है, और साल का पहला चैत्र नवरात्रि हो सकता है। साल में दो बार बार नवरात्रि मनाई जाती है जिसमें से एक है “चैत्र नवरात्रि”। इस साल 2 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि शुरू हो रही है। अन्य नवरात्रियों की तरह चैत्र नवरात्रि भी 9 दिनों तक मनाई जाती है। जिस दौरान मां दुर्गा के नौ रूप की पूजा की जाती है। पहले दिन शैलपुत्री माता की पूजा होती है, तो वहीं आखिरी दिन सिद्धिदात्री माता की पूजा की जाती है। कई लोग इस समय उपवास रखते हैं और नियम के साथ 9 दिनों तक पालन करते हैं।
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जाने शुभ मुहूर्त
चैत्र नवरात्रि के शुभ मुहूर्त की बात करें तो 2 अप्रैल को कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त जो सुबह 6:15 से लेकर सुबह 8:31 तक है। 2 अप्रैल को कलशस्थापना और मां शैलपुत्री की पूजा होगी। 3 अप्रैल को ब्रह्मचारिणी माता की पूजा, 4 अप्रैल को चंद्रघंटा माता की पूजा, 5 अप्रैल को कुष्मांडा माता की पूजा 6 अप्रैल को सकंद माता की पूजा, 7 अप्रैल को कात्यायनी पूजा, 8 अप्रैल को कालरात्रि माता की पूजा, 9 अप्रैल को महागौरी माता की पूजा और 10 अप्रैल को सिद्धिदात्री माता की पूजा की जाएगी। नवरात्रि को बसंत नवरात्रि के भी नाम से जाना जाता है और नवमी के दिन रामनवमी के रूप में भी और नवरात्रि के 9 दिन को रामनवमी के रूप में भी मनाया जाता है।
पूजा के दिन इन चीजों का रखे ख्याल
- कलश स्थापना करने से पहले नहा ले।
- उसके बाद घड़े को धोकर और घड़े के नीचे डालने वाले बालू (sand ) को शुद्ध पानी से धो ले।
- फिर कलश को को स्थापित करें।
- सबसे पहले मां दुर्गा की पूजा करें और साथ ही दुर्गा सप्तशती का पाठ पढ़ना ना भूले।
- यदि आप अखंड ज्योत जलाना चाहते हैं तो इसका ख्याल 9 दिनों तक रखें। क्योंकि बीच में अखंड ज्योत का बुझना अशुभ माना जाता है।
- देवी मां को लाल कपड़े पहनाना बहुत शुभ होता है।