रक्षाबंधन में बस कुछ दिन बाकी, भूलकर भी भाई को ना बांधे ऐसी राखी, माना जाता है अशुभ, जानें यहाँ

Manisha Kumari Pandey
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indore central jail, Raksha Bandhan

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। रक्षाबंधन (Rakshabandhan 2022) में बस कुछ दिन ही बाकी है। इस साल दो दिन राखी का यह पावन त्योहार पड़ रहा है। सालों से राखी की यह परंपरा भारत में चली आ रही है। रक्षाबंधन का त्योहार भाई-बहन के प्यारे और अटूट रिश्ते को दर्शाता है। इस दिन बहनें अपने भाई को रेशम के धागों से बनी राखियाँ बांधती है और बदलते में भाई जीवन भर की रक्षा का वादा करते हैं। आजकल बाजारों में अलग-अलग प्रकार की रखियों का ट्रेंड चल रहा है। बाजार में नए डिजाइन की राखियाँ मिलती है। लेकिन राखी खरीदते समय इस बात का ख्याल रखना जरूरी होता है, कहीं आप कोई अशुभ राखी तो नहीं खरीद रहें। दरअसल, कुछ ऐसी रखियाँ भी होती जो अशुभ मानी जाती है, तो आइए जानें राखी खरीदते और बांधते वक्त किन बातों का ख्याल रखना जरूरी होता है।

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ना लें देवी-देवताओं की तस्वीर वाली राखी

आजकल देवी-देवताओं वाली राखी खूब प्रचलन में है। लेकिन इस प्रकार के राखी को अशुभ माना जाता है। माना जाता है ऐसी राखियाँ अधिक समय तक हाथ में बंधने के कारण अपवित्र हो जाती है और आगे जाकर कहीं भी गिर जाती है। जिससे भगवान का अपमान होता है। ऐसा होना भविष्य के लिए बुरे परिणाम भी ला सकता है। अलग चिन्ह वाली राखियों को भी खरीदने से बचे।

रक्षाबंधन में बस कुछ दिन बाकी, भूलकर भी भाई को ना बांधे ऐसी राखी, माना जाता है अशुभ, जानें यहाँ

रंगों का भी रखे ख्याल

पुराने जमाने में लोगों फैशन वाली राखियों की जगह रेशम का धागा बांधते थे। लेकिन मॉडर्न समय में रखियाँ काले रंग भी आने लगी है, जो दिखने में काफी आकर्षक होते हैं। रक्षाबंधन का त्योहार सुख-समृद्धि और प्रेम का प्रतीक है। इसलिए राखी खरीदते वक्त उसके रंग का ख्याल जरूर रखें। हिन्दू धर्म में कला रंग अशुभ माना जाता है। इसलिए कभी भी अपने भाई को काले रंग के धागे या काले चिन्ह वाली राखी ना बाँधें।

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ध्यान रखें राखी टूटी ना हो

रक्षाबंधन नजदीक आते ही राखियों की दुकानों में भीड़ शुरू हो जाती है, जिसके कारण लोग हड़बड़ी में टूटी-फूटी राखी ले आते हैं। कभी-कभी राखियों के धागे निकले होते हैं, तो कभी राखी की मोतियाँ निकली होती है, इनका ध्यान रखना लोग भूल जाते हैं। भाई को खंडित राखी बांधना अशुभ माना जाता है।

Disclaimer: इस खबर का उद्देश्य केवल शिक्षित करना है। हम इन बातों का दावा नहीं करते है। कृपया विद्वानों की सलाह जरूर लें।

 


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