Sawan 2024: सावन में क्यों कढ़ी का सेवन वर्जित है? जानिए धार्मिक और वैज्ञानिक कारण

Sawan 2024: सावन का पवित्र महीना भगवान शिव की पूजा और आराधना का विशेष समय होता है। इस दौरान, भक्त अनेक व्रत, पूजा और अनुष्ठान करते हैं। इनमें से कुछ नियमों का पालन करना धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण माना जाता है। सावन में कढ़ी का सेवन न करने के पीछे धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों कारण हैं।

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Sawan 2024: सावन का पावन महीना, भक्ति और आस्था का पर्याय है। इस मास में देवों के देव महादेव की विशेष आराधना की जाती है। मान्यता है कि इस पवित्र काल में भगवान शिव की पूजा करने से साधक के सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं। शिव भक्तों द्वारा इस महीने में श्रद्धा और भक्ति के साथ व्रत, उपवास और जप किए जाते हैं। सावन के दौरान कुछ विशेष नियमों का पालन किया जाता है, जिनमें से एक है दही और साग का सेवन न करना। आइए जानते हैं, इसके पीछे के कारण और तथ्यों के बारे में।

धार्मिक दृष्टिकोण

सावन में शिवलिंग पर दूध, दही, बेलपत्र, गंगा जल आदि चढ़ाने की परंपरा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस महीने में दूध और दही का विशेष महत्व होता है। सावन के महीने में कढ़ी का सेवन करने की परंपरागत रूप से मनाही होती है। इसके पीछे धार्मिक और स्वास्थ्य संबंधी कारण हैं। धार्मिक दृष्टिकोण से, सावन में भगवान शिव की पूजा के दौरान दूध और दही का विशेष महत्व होता है, इसलिए इनसे बनी वस्तुओं का सेवन वर्जित माना जाता है।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण

सावन का महीना मानसून का समय होता है। इस दौरान वातावरण में नमी का स्तर बढ़ जाता है, जिससे कई प्रकार के जीवाणु और विषाणु सक्रिय हो जाते हैं। दही की तासीर ठंडी होती है और इसमें बैक्टीरिया की संख्या भी अधिक होती है, जो इस मौसम में पाचन तंत्र पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकती है। कढ़ी, जो दही से बनाई जाती है, का सेवन करने से पेट में गैस, एसिडिटी, और अन्य पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इस कारण से सावन में कढ़ी का सेवन स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी उचित नहीं माना जाता।

सांस्कृतिक दृष्टिकोण

सावन का महीना कृषि और पर्यावरण से भी जुड़ा होता है। इस समय में किसान अपनी फसलों के लिए भारी वर्षा की उम्मीद करते हैं और कई धार्मिक और सांस्कृतिक परंपराओं का पालन करते हैं। भोजन की आदतें भी इस समय में बदल जाती हैं ताकि मौसमी फसलों का अधिकतम लाभ उठाया जा सके और स्वास्थ्य को बनाए रखा जा सके।

भगवान शिव को क्यों हैं सावन का महीना प्रिय

सावन मास भगवान शिव की विशेष कृपा पाने का सर्वोत्तम समय माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इसी मास में माता पार्वती ने कठोर तपस्या कर भगवान शिव को पति रूप में प्राप्त किया था। इसके अलावा, समुद्र मंथन से उत्पन्न विष का पान कर संसार की रक्षा करने के कारण भी भगवान शिव को सावन अत्यंत प्रिय है। त्रिदेवों का आशीर्वाद प्राप्त करने का सौभाग्य भी उन्हें इसी महीने मिला था।

(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)

 


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भावना चौबे

भावना चौबे

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