Vaishakh Purnima 2024 : सनातन धर्म में पूर्णिमा का बहुत महत्व होता है। बता दें कि पूर्णिमा को चंद्रमा का पर्व भी कहा जाता है, क्योंकि इस दिन चंद्रमा को पूर्ण रूप में देखा जा सकता है। इस दिन श्री हरि यानी भगवान विष्णु और चंद्र देव की पूजा का विधान है। भक्त इस दिन विशेष रूप से मंदिरों में जाकर पूजा करते हैं। इसके साथ ही वह अपने घरों में भी विधि-विधान से पूजा करते हैं। बता दें कि इस दिन कई धार्मिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। वहीं, इस साल यह 23 मई को मनाई जाएगी। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको अर्घ्य देते समय उन गलतियों के बारे में बताएंगे, जिन्हें आपको भूलकर भी नहीं करना चाहिए।
शुभ मुहूर्त
वैशाख पूर्णिमा 22 मई 2024 दिन बुधवार को शाम 6:47 पर शुरू होगी। जिसका समापन अगले दिन यानी 23 मई दिन गुरुवार को शाम 7:22 पर होगा। इसलिए वैशाख पूर्णिमा 23 मई को मनाई जाएगी।
चंद्रोदय का समय
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, चंद्रोदय का समय शाम 07 बजकर 12 मिनट पर है।
चंद्रमा को अर्घ्य देने के नियम
- सबसे पहले सुबह उठकर स्नान करें।
- जिसके बाद साफ धूले हुए वस्त्र पहनें।
- जहां पूजा करनी है वहां पर सफाई करें।
- अब चंद्रोदय के बाद अर्घ्य देने की तैयारी करें।
- अर्घ्य के जल में चांदी या तांबे के सिक्के, अक्षत, रोली, सफेद फूल, पान, सुपारी और कच्चा दूध मिलाएं।
- फिर अर्घ्य के जल को लेकर विधि अनुसार चंद्र देव की पूजा करें।
- अर्घ्य देते समय पूर्व दिशा में मुख करें।
- साथ ही चंद्रमा के मंत्रों का जाप करें।
- जिसके बाद चंद्रमा की रौशनी में कुछ देर ध्यान करें।
भूलकर भी ना करें ये काम
- तामसिक चीजों से दूर रहें।
- नशीलि चीजों से दूर रहने का प्रयास करें।
- किसी से भी विवाद ना करें।
- दोपहर में सोने की गलती ना करें।
- चमड़ें के चीजों का प्रयोग वर्जित है।
इन मंत्रों का करें जाप
- “ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्रमसे नमः”
- “ॐ सोम सोमाय नमः”
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)