छठ पूजा में बच्चों के साथ इन मंदिरों में करें दर्शन, उज्जवल होगा भविष्य

Patna Famous Temples: छठ पूजा एक बहुत ही महत्वपूर्ण और पवित्र पर्व है, जो विशेष रूप से सूर्य देवता और छठी मैया की पूजा के लिए मनाया जाता है। इस दिन भक्तगण अपने परिवार की सुख-समृद्धि और उज्जवल भविष्य के लिए प्रार्थना करते हैं। खासकर बच्चों को इस पर्व पर मंदिरों में लेकर जाना अत्यंत शुभ माना जाता है।

भावना चौबे
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Patna Famous Temples

Patna Famous Temples: छठ पर्व के दौरान मंदिर में सूर्य देवता और छठी मैया के दर्शन करने से व्रत का प्रभाव और भी बढ़ जाता है। यह अवसर न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है बल्कि परिवार की खुशहाली और मनोकामनाओं की सिद्धि के लिए एक अहम अवसर भी होता है।

खासकर जब लोग अपने बच्चों को मंदिर लेकर जाते हैं तो इसका मानसिक और शारीरिक लाभ बच्चों को मिलता है। अक्सर माता-पिता अपने बच्चों को घूमने फिरने के लिए तरह-तरह की जगहों पर ले जाते हैं, लेकिन उन्हें धार्मिक स्थलों पर ले जाना भी बहुत जरूरी है। बच्चों को मंदिर में दर्शन करना उन्हें एक सकारात्मक दिशा में मार्गदर्शन देता है, जिससे उनका भविष्य उज्जवल और समृद्ध बनता है।

पटनेश्वरी मंदिर

पटनेश्वरी मंदिर, जिसे पटन देवी के नाम से भी जाना जाता है, पटना का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है और 51 शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। यह मंदिर मां दुर्गा के भक्तों के लिए खास महत्व रखता है। मंदिर परिसर बेहद साफ सुथरा और व्यवस्थित है और इसका रखरखाव भी बड़े ध्यान से किया गया है।

विशेष रूप से त्योहार के समय यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है। इसलिए इस समय मंदिर आने के लिए आपको थोड़ी धैर्य की आवश्यकता हो सकती है। यह मंदिर पटना के प्रमुख तीर्थ स्थलों में शामिल है। जहां लोग अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए दूर-दूर से आते हैं विशेष करके छठ पर्व के दौरान इस मंदिर में दर्शन के लिए दूर दराज से लोग आते हैं।

मां शीतला मंदिर, अगमकुआं

मां शीतला मंदिर, अगमकुआं पटना का इतिहास बहुत ही दिलचस्प और रहस्यमय है। इस मंदिर के साथ जुड़ा अगमकुआं विशेष रूप से प्रसिद्ध है, जो अपनी अनोखी विशेषताओं के लिए जाना जाता है। कुछ लोग मानते हैं कि इस कुएं में सम्राट अशोक ने अपने 99 भाइयों को मारकर फेंक दिया था। जिससे इसका इतिहास और भी रहस्यमय बन जाता है।

वहीं कुछ लोगों का ऐसा मानना भी है कि इस कुएं का पानी बंगाल की खाड़ी से जुड़ा हुआ है और यह पानी हर समय अपना रंग बदलता रहता है, जो इसे और भी अद्भुत बनाता है। कुएं की गहराई का कोई अनुमान नहीं लगाया जा सकता है और इसी कारण इसे अगमकुआं यानी पाताल का कुआं भी कहा जाता है। यह स्थान न केवल धार्मिक आस्था का केंद्र है। बल्कि इतिहास और रहस्य के मिश्रण के कारण एक महत्वपूर्ण धरोहर भी माना जाता है।

Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।


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भावना चौबे

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