Interdependent Relationship : किसी भी रिलेशनशिप को हेल्दी और स्ट्रांग बनाने के लिए बहुत सारी चीजों की जरूरत होती है। जिनमें भरोसा, प्यार, विश्वास, सम्मान, एक दूसरे के प्रति व्यवहार, आदि शामिल है। इनमें से किसी एक चीज की भी कमी रिश्ते को बिखेर कर रख देती है। जैसे एक माला धागों में पिरोकर बनाया जाता है, लेकिन इसमें से एक भी मोती यदि टूट जाए, तो माला बिखर जाता है। ठीक इसी तरह रिश्ते भी बहुत ही मजबूती के साथ कायम करना पड़ता है। बहुत सारे कपल्स एक दूसरे के साथ डेट करते हैं और यदि उन्हें एक दूसरे की आदत, व्यवहार आदि पसंद ना आए तो वह सेपरेट हो जाते हैं और इस तरह उनका रिश्ता भी टूट जाता है।
इन दोनों इंटरडिपेंडेंट रिलेशनशिप का चलन काफी ज्यादा बढ़ चुका है, जो लाखों टेंशन के बीच खुश रहने का एक जरिया है। यह कपल्स के बीच काफी ज्यादा पसंद किया जा रहा है। तो चलिए हम आपको बताते हैं कि आखिर इंडिपेंडेंट रिलेशनशिप क्या है।
इंडिपेंडेंट रिलेशनशिप के फायदे
- किसी भी रिलेशनशिप में कोई भी यह नहीं चाहता कि लड़ाई झगड़ा हो। हालांकि, लड़ाई और झगड़े से प्यार बढ़ता है, लेकिन जरूरत से ज्यादा लड़ाई भी नेगेटिविटी का कारण बन सकती है। कई बार यह इतना गंभीर रूप ले लेती है कि आगे चलकर यह रिश्ता टूटने के कगार पर भी पहुंच जाता है।
- रिलेशनशिप में अक्सर लोग एक दूसरे पर निर्भर रहते हैं। एक दूसरे की भावनाओं की कदर करते हैं, लेकिन शादी को सफल करने के लिए एक दूसरे पर इमोशनली डिपेंड होना बेहद जरूरी है, जिससे कपल्स के बीच बैलेंस बना रहता है। साथ ही हेल्दी रिलेशनशिप भी कायम होता है।
- इस रिश्ते में एक पार्टनर हमेशा दूसरे पार्टनर का ख्याल रखता है। चाहे वह किसी भी स्थिति में हो… वह अपने पार्टनर की केयर करने से पीछे नहीं हटता। चाहे खुद व किसी भी परिस्थिति में क्यों ना हो।
- इंटरडिपेंडेंट रिलेशनशिप के फायदों में हेल्दी बाउंड्री भी होती है। इससे रिश्ते में दोनों ही पार्टनर को कुछ भी करने की पूरी आजादी रहती है।
- ऐसे रिसलेशनशिप में कपल्स कभी भी एक दूसरे की बुराई नहीं करते हैं। ऐसे कपल्स को समझदारी होती है कि आखिर उन्हें रहना साथ में ही है। एक दूसरे की कमी निकालने के बजाय उस कमी को सुधारने का प्रयास करते हैं। वह किसी भी कीमत पर एक दूसरे का मजाक नहीं बनाते और ना ही दूसरों के सामने की बुराई सुन सकते हैं।
क्या है इंडिपेंडेंट रिलेशनशिप
इन दोनों इंटरडिपेंडेंट रिलेशनशिप का चलन इसलिए बढ़ रहा है, क्योंकि इसमें एक दूसरे को सही गलत बताने का पूरा अधिकार होता है। इस रिश्ते में कोई भी अपने बात को किसी के ऊपर थोपता नहीं है, बल्कि अपने पार्टनर की इज्जत करता है।