Interesting psychological facts : सूरज की रोशनी में ज्यादा समय बिताने वाले रहते हैं ज्यादा खुश, जानिए ऐसे ही रोचक मनोवैज्ञानिक तथ्य

Psychology

Interesting psychological facts : मनोविज्ञान मन, मस्तिष्क और व्यवहार का अध्ययन है। इसके अंतर्गत मनुष्यों और अन्य प्राणियों की मानसिक प्रक्रियाओं और उनके व्यावहारिक प्रभावों का अध्ययन किया जाता है। इसके जरिए व्यक्ति के मानसिक प्रक्रियाओं, विचारों, भावनाओं, और व्यवहार को समझने का प्रयास किया जाता है। मनोविज्ञान हमें मानव स्वभाव और व्यवहार के बारे में कई अनोखी और रोचक जानकारियां भी देता है। आज हम जानेंगे ऐसे ही कुछ मजेदार मनोवैज्ञानिक तथ्य, जो मानव मस्तिष्क से जुड़े हुए हैं।

रोचक मनोवैज्ञानिक तथ्य

  • खराब लिखावट वाले इस बात को लेकर अक्सर परेशान रहते हैं और अपनी हैंडराइटिंग सुधारने की कोशिश भी जारी रखते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक शोध के मुताबिक खराब लिखावट वाले लोगों का दिमाग काफी तेज होता है।
  • संगीत सभी को पसंद होता है। लेकिन लगभग 70 प्रतिशत लोग पुराने गाने पसंद करते हैं क्योंकि उनसे उनकी यादें जुड़ी होती हैं।
  • अगर कोई हमारी तारीफ करे तो हमारी बॉडी लैंग्वेज बदलने लगती है।
  • जिन लोगों का आईक्यू स्तर अधिक होता है उन्हें ज्यादा शोर शराबा पसंद नहीं आता।
  • मनुष्य एक दिन में 30 प्रतिशत से ज्यादा समय कल्पनाओं में बिता देता है।
  • शर्मीले स्वभाव के लोग भीड़भाड़ में अपना हाथ अपनी जेब में डाल लेते हैं।
  • सोने से पहले आप जिस व्यक्ति के बारे में सोचते हैं, वो या तो आपकी खुशी का कारण होता है या दुख का।
  • एक शोध के मुताबिक जो व्यक्ति सूर्य के प्रकाश में अधिक समय व्यतीत करता है वो ज्यादा खुश रहता है।
  • अगर आप उदास हैं तो आपको ज्यादा नींद की जरुरत है। खुशी में कम नींद से भी काम चल जाता है।
  • हर किसी के जीवन में कोई ऐसा जरुर होता है जिसे देखकर वो मुस्कुरा देता है, फिर भले ही कितनी भी तकलीफ में क्यों न हो।
  • लोग अफवाहों पर जल्दी विश्वास करते हैं, सच्ची बातों पर देर से।
  • रोज दस मिनट अगर आप अपनी पसंद का म्यूजिक सुनें तो अधिक प्रसन्नचित्त रहेंगे।
  • आप जिस तरह के कपड़े पहनते हैं, मूड भी उसी अनुसार बदल जाता है।
  • जो लोग दूसरों की बात जल्दी मान लेते हैं, वो दिल के साफ और अच्छे होते हैं।
  • अगर व्यक्ति प्यार में धोख खा चुका है तो उसे पहले की तरह दुबारा प्यार कभी नहीं होगा। अगली बार उसमें बदलाव आ जाएगा।

(डिस्क्लेमर : ये लेख मनोविज्ञान विषय से जुड़े विभिन्न स्त्रोतों से प्राप्त जानकारियों पर आधारित है। हम इसे लेकर कोई दावा या पुष्टि नहीं करते हैं)


About Author
श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

Other Latest News