International Women’s Day: महिलाओं की सुरक्षा के लिए खास हैं 3 सरकारी योजनाएं, मिलेंगी ये सुविधाएं

Manisha Kumari Pandey
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International Women’s Day: हर साल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। ये दिन महिलाओं के समर्पित होता है। भारत समेत दुनिया भर महिलाओं के हो रहे अपराध के मामले बढ़ते जा रहे हैं। देश में छोटी बच्चियों के लेकर बुजुर्ग महिलायें कोई भी आजकल सुरक्षित नहीं है। एक तरफ जहां लोग महिलाओं को सम्मान देते हैं। सरकार के अभियानों में समर्थन प्रदान करते हैं। वहीं दूसरी तरफ कुछ ऐसे गैर-समजीक तत्व भी हैं, जिनके कारण इंडिया में महिलायें खुद को सुरक्षित महसूस नहीं करतीं। बावजूद इसके केन्द्रीय और राज्य सरकार देश की बेटियों, बहनों और माताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई योजनाएं (Government Schemes) चलाती हैं। जिनके तहत विभिन्न परिस्थितियों से गुजर रही महिलाओं को सहायता मिलती है। हम आपको ऐसे ही कुछ स्कीम्स के बारे में बताने जा रहे हैं।

उज्जवला स्कीम (तस्करी के बचाव के लिए)

यह भारत सरकार की विशेष योजना है, जिसे मिनिस्ट्री ऑफ वुमेंस और चाइल्ड डेवलपमेंट द्वारा शुरू की गई थी। इसे कमजोर और आबादी दोनों प्रकार के क्षेत्रों में महिलाओं की तस्करी रोकने के लिए शुरू किया गया था। इसके तहत तस्करी से पीड़ितों का बचाव, पुनर्वास और पुनर्निवेश को सक्षम किया जाता है। पीड़ितों को आश्रय, भोजन, वस्त्र, चिकित्सा, कानूनी सहायता और अन्य बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाती है।

निर्भया योजना

दिल्ली में 2012 को हुए निर्भया गैंग रेप आज भी कोई भूल नहीं सकता है। इस केस ने पूरे देश की आवज बुलंद कर दी है। जिसके बाद महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार से वर्ष 2013 में निर्भया फंड की स्थापना की थी। इसके तहत महिलाओं को सहायता प्रदान की जाती है। इस स्कीम के तहत बलात्कार या घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं के लिए क्राइसिस सेंटर, आश्रय स्थल, महिला हेल्पलाइन केंद्र और महिला पुलिस स्वयंसेवकों की स्थापना की की गई थी। इसके अलावा पीड़ितों को मुआवजा भी प्रदान किया जाता है।

महिला हेल्पलाइन योजना

यह भी भारत सरकार द्वारा शुरू की गई खास योजनाओं में से एक है। योजना के तहत निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों पर हिंसा के प्रभावित महिलाओं को 24 घंटे तत्काल और आपातकालीन रिस्पॉन्स दिया जाता जाता है। एक हेल्पलाइन नंबर के जरिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाती हसी। टोल फ्री महिला नंबर “181” है।

 


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