फ्लाइट टेकऑफ से पहले एयरप्लेन मोड ऑन करना है जरूरी, वरना बन सकता है एयर ट्रैफिक कंट्रोल और पायलट के बीच रुकावट

आज हम आपको यह बताएंगे कि मोबाइल में मिलने वाला यह मोड क्या होता है और उड़ान भरते समय इसे ऑन करना क्यों जरूरी है। इसकी वजह से वह भी अनजान होंगे।

स्मार्टफोन (फ्लाइट टेकऑफ) अब दुनिया के 99% लोग उसे कर रहे हैं। यह लोगों की ऐसी आदत बन चुकी है कि इसके कारण एक दूसरे से इंसान दूर होते जा रहे हैं। वह मोबाइल की दुनिया में इस कदर खो जाते हैं कि उन्हें अपने आसपास की चल रही चीजों का जरा भी ध्यान नहीं रहता है। वहीं, मोबाइल कंपनी द्वारा लगातार अपने यूजर्स को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए फीचर्स अपडेट किए जाते हैं, जिनमें एक फीचर एयरप्लेन मोड का भी होगा। बहुत से लोग इस खास फीचर के बारे में नहीं जानते होंगे।

फ्लाइट में यात्रा करने वाले लोगों को यह पता होगा कि इस फीचर का इस्तेमाल कब और कैसे करना है, लेकिन इसकी वजह से वह भी अनजान होंगे।

टेकऑफ से पहले मोबाइल बंद

दरअसल, फ्लाइट में यात्रा के दौरान फ्लाइट अटेंडेंट द्वारा सभी को टेकऑफ से पहले मोबाइल फोन बंद करने या एयरप्लेन मोड पर स्विच करने के लिए कहा जाता है। आज हम आपको यह बताएंगे कि मोबाइल में मिलने वाला यह मोड क्या होता है और उड़ान भरते समय इसे ऑन करना क्यों जरूरी है।

जानें ऐसा करने की वजह

लोग फ्लाइट में सफर के दौरान इस निर्देश का पालन जरूर करते हैं, लेकिन उन्हें इसकी वजह नहीं मालूम होती है। दरअसल, फ्लाइट या एयरप्लेन मोड मोबाइल की वह सेटिंग होती है जो सेल टावर और सैटेलाइट जैसे सभी नेटवर्क से डिस्कनेक्ट कर देता है। जब आप इसे ऑन करते हैं तो आपको कोई कॉल या मैसेज नहीं मिलेगा। यह आपका फोन को किसी भी नेटवर्क से कनेक्ट होने से रोकता है।

पायलट हो सकते हैं परेशान

अब हम आपको यह बताएंगे कि फ्लाइट में एयरप्लेन मोड ऑन करना क्यों जरूरी है। यदि इसे ऑन ना रखा जाए तो तमाम तरह की परेशानियां आ सकती हैं। दरअसल, यदि आप मोबाइल को स्विच ऑफ या फिर एयरप्लेन मोड ऑन नहीं करते हैं, तो इससे विमान में बैठे पैसेंजर को कोई दिक्कत नहीं होगी, लेकिन प्लेन को उड़ा रहे पायलट जरूर परेशान हो सकते हैं।

रेडियो फ्रीक्वेंसी में रुकावट

पायलटों के अनुसार, यदि फ्लाइट उड़ते वक्त मोबाइल किसी नेटवर्क से जुड़ा है तो यह पायलट और एयर ट्रैफिक कंट्रोल के बीच कम्युनिकेशन में बाधा उत्पन्न कर सकता है। दरअसल, जब प्लेन उड़ रहा होता है तो वह हमेशा राडार और कंट्रोल रूम के संपर्क में होता है। ऐसे में यदि आपका फोन ऑन रहे तो जमीन पर लगे सेल टावर से जुड़ने की संभावना है, जिससे रेडियो फ्रीक्वेंसी में रुकावट आती है और एयर ट्रैफिक कंट्रोल से मिलने वाले निर्देश साफ तौर पर नहीं मिल पाते। ऐसे में पायलट उनसे कांटेक्ट नहीं कर पाता है। इसलिए यात्रियों को उड़ान भरने से पहले मोबाइल फोन को फ्लाइट मोड या फिर स्विच ऑफ करने के लिए कहा जाता है।


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Sanjucta Pandit

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मैं संयुक्ता पंडित वर्ष 2022 से MP Breaking में बतौर सीनियर कंटेंट राइटर काम कर रही हूँ। डिप्लोमा इन मास कम्युनिकेशन और बीए की पढ़ाई करने के बाद से ही मुझे पत्रकार बनना था। जिसके लिए मैं लगातार मध्य प्रदेश की ऑनलाइन वेब साइट्स लाइव इंडिया, VIP News Channel, Khabar Bharat में काम किया है।पत्रकारिता लोकतंत्र का अघोषित चौथा स्तंभ माना जाता है। जिसका मुख्य काम है लोगों की बात को सरकार तक पहुंचाना। इसलिए मैं पिछले 5 सालों से इस क्षेत्र में कार्य कर रही हुं।

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