नई दिल्ली , दिल्ली रिपोर्ट । आज विश्व कैंसर दिवस है । इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR ) द्वारा सबसे recent रिपोर्ट सितंबर 2021 में जारी किया गया था । “क्लिनिकोपैथोलॉजिकल प्रोफाइल ऑफ कैंसर्स इन इंडिया रिपोर्ट भारत में कैंसर के मामलों पर डेटा प्रदान करती है। इसे ICMR- नेशनल सेंटर फॉर डिजीज इंफॉर्मेटिक्स एंड रिसर्च, बेंगलुरु द्वारा तैयार किया गया था।
रिपोर्ट के अनुसार, 2012 से 2019 के बीच भारत में कुल 6.10 लाख कैंसर की सूचना मिली है। इनमें से 52.4 प्रतिशत मामले पुरुषों में जबकि 47.6 प्रतिशत मामले महिलाओं में सामने आए। ये मामले राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम (एनसीआरपी) के तहत दर्ज किए गए थे। बचपन के कैंसर (0-14 साल के बच्चों में) सभी कैंसर के मामलों का 7.9 प्रतिशत है। तंबाकू के सेवन से होने वाले कैंसर में पुरुषों में 48.7 प्रतिशत और महिलाओं में 16.5 प्रतिशत कैंसर होता है। एनसीआरपी के तहत 2012-19 के दौरान 96 अस्पतालों से 13,32,207 कैंसर के मामले दर्ज किए गए। इनमें से 6,10,084 मामलों को विश्लेषण के लिए शामिल किया गया था। जीभ, थायरॉइड, स्वरयंत्र, कॉर्पस यूटेरी, किडनी, ब्लैडर आदि के कैंसर के निदान वाले एक तिहाई रोगियों को प्रस्तुति के समय स्थानीय बीमारी था।
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रिपोर्ट के अनुसार, सिर और गर्दन के क्षेत्र के कैंसर पुरुषों में कैंसर के 31.2 प्रतिशत के लिए जिम्मेदार हैं। स्तन कैंसर सहित स्त्री रोग संबंधी कैंसर महिलाओं में होने वाले सभी कैंसर का 51 प्रतिशत है। थायरॉइड कैंसर और गॉल ब्लैडर कैंसर को छोड़कर महिलाओं की तुलना में पुरुषों में साइट-विशिष्ट कैंसर का सापेक्ष अनुपात अधिक था। कैंसर के लिए सबसे सही उपचार पद्धति कीमोथेरेपी थी, प्रस्तुति में रोग की नैदानिक सीमा की परवाह किए बिना।
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ऐसा बहुत बार देखा जाता है की मरीज कैंसर से पीड़ित होते हैं , लेकिन अपना इलाज पैसों की तंगी के कारण नहीं करवा पते और तड़प कर दुनिया को छोड़ चले जाते हैं । किन्तु भारत सरकार कैंसर पीड़ितों को कई सुविधाये देती है , जिससे वो अपना इलाज करवा सकते है । कैंसर से पीड़ित गरीब रोगियों को आर्थिक सहायता देने के लिए स्वास्थ्य मंत्री कैंसर रोगी कोष (HMCPF) की स्थापना की गई है। रुपये का एक कॉर्पस फंड। 100 करोड़ की स्थापना की गई है, जिसे सावधि जमा में रखा गया है। उस पर अर्जित ब्याज का उपयोग आर्थिक मदद देने के किया जाता है। कैंसर से पीड़ित और गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले मरीजों को समय-समय पर निर्धारित किया जाता है। दिशानिर्देशों के अनुसार 27 क्षेत्रीय कैंसर केंद्रों (आरसीसी) में इलाज कराने वाले रोगियों को कैंसर की बीमारियों के इलाज के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
लाभ कैसे प्राप्त करें:-
उपचार करने वाले डॉक्टर द्वारा साइन और सरकारी अस्पताल/संस्थान/क्षेत्रीय कैंसर केंद्र के चिकित्सा अधीक्षक द्वारा साइन किया हुआ आवेदन पत्र अनिवार्य होता है । इसी के साथ आय प्रमाण पत्र की कॉपी और राशन कार्ड की कॉपी की भी मांग की जाती है ।
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अन्य कई scheme के तहत भी कैंसर का इलाज संभव
भारत में कैंसर पीड़ितों के इलाज के लिए अन्य कई स्कीम भी उपलब्ध है । आयुष्मान भारत योजना और प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना( Pradhan Mantri Jan Arogya Yojana (PMJAY)) की सहायता से भी मरीज अपना इलाज करवा सकते हैं । कई राज्य सरकार भी कैंसर पीड़ितों को राहत कोश से आर्थिक सहायता प्रदान करते ।