पौधों के लिए अमृत है गुड़, एक डली से ही दिखने लगेगा असर, चींटियों की टेंशन खत्म

पौधों को स्वस्थ रखने के लिए सही पोषण बेहद जरूरी होता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपके किचन में पाया जाने वाला गुड़, पौधों के लिए कंडीशनर का काम करता है।

Bhawna Choubey
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Plant Care: गार्डनिंग का शौक रखने वाले लोग पौधों की देखभाल बिल्कुल अपने बच्चों की तरह करते हैं, लेकिन जब पौधे सूखने लगते हैं या मुरझाने लगते हैं, तो बहुत बुरा लगता है और उनकी सारी मेहनत पर पानी गिर जाता है।

पौधों के सूखने और मुरझाने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे पोषक तत्वों की कमी, पर्याप्त मात्रा में पानी और धूप न मिल पाना, हर पौधे को अलग-अलग देखभाल की जरूरत होती है, हर पौधे की क्षमता भी अलग-अलग होती है।

पौधों की देखभाल (Plant Care)

पौधों की सही देखभाल के लिए आप गुड़ का इस्तेमाल पौधों के लिए कर सकते हैं। गुड़ में मौजूद मैग्नीशियम, पोटेशियम, कैल्शियम और फास्फोरस जैसे पोषक तत्व मिट्टी को समृद्ध बनाते हैं और पौधों की ग्रोथ को तेज करते हैं।

अब आपके मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि अगर पौधों की देखभाल के लिए गुड़ का इस्तेमाल किया जाएगा, तो ऐसे में पौधों पर बहुत सारी चीटियां आ जाएंगी, लेकिन ऐसा नहीं है। अगर गुड़ का इस्तेमाल सही तरीके से किया जाए, तो चीटियों का भी सफाया किया जा सकता है।

गुड़ का इस्तेमाल

पौधों की अच्छी देखभाल के लिए गुड़ का इस्तेमाल सही तरीके से करना बहुत जरूरी है। 1 लीटर पानी में 15 या फिर 20 ग्राम गुड़ घोलकर एक लिक्विड तैयार कर लें।

इसे हर महीने एक बार 100ml की मात्रा में पौधे में डालें। इससे न केवल पौधों की ग्रोथ बेहतर बनेगी, बल्कि मिट्टी की गुणवत्ता भी बढ़ेगी। इस बात का ध्यान रखें की गुड़ का इस्तेमाल सीमित मात्रा में ही करें, ताकि पौधे स्वस्थ और हरे-भरे हो सके।

आपको बता दें, जिस तरह हमारे बालों के लिए कंडीशनर जरूरी होता है, उसी तरह से पौधों को लिए भी कंडीशनर जरूरी होता है और गुड़ पौधों के लिए कंडीशनर का ही काम करता है।

गुड़ में मौजूद माइक्रो न्यूट्रिएंट्स मिट्टी की फर्टिलिटी को बढ़ाने में मदद करते हैं। गोबर की खाद में गुड़ का पानी मिलाने से उनकी गुणवत्ता में सुधार होता है।

अगर आप पौधे में गुड़ को सीधा डालेंगे, तो यह चीटियों को बुलवा दे सकता है। इसलिए अगर आप चाहते हैं, कि पौधों में चीटियों का आक्रमण ना हो, तो गुड़ को घोलकर डालना ही सही है।

 


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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