जया किशोरी ने बताई सच्चे दोस्त की परिभाषा, होते है ये गुण

सच्चा दोस्त कौन होता है? इस सवाल का जवाब हर किसी के लिए अलग हो सकता है, लेकिन जया किशोरी ने बड़ी ही सहजता से इसका सार समझाया है।

जया किशोरी की जानी-मानी मोटिवेशनल स्पीकर और कथा वाचिका है। उन्होंने बहुत कम उम्र में ही आध्यात्मिक मार्ग को अपना लिया और आज लाखों लोग उनकी बातों से प्रेरणा लेते हैं। उनकी बातें सरल भाषा में होती है, जो सीधे दिल को छू जाती है। वो भगवद्गीता, रामायण जैसे विषयों पर बड़े ही आसान और समझने लायक तरीक़े से बात करती है।

जया किशोरी ना सिर्फ़ धर्म से जुड़े मुद्दों पर बात करती है, इसके अलावा भी जीवन के हर पहलू जैसे दोस्ती, रिश्ते, संघर्ष और आत्मविश्वास जैसे विषयों पर भी अपनी राय साझा करती है। उनकी बातें ख़ासकर युवाओं को बहुत प्रेरित करती है, क्योंकि वो हमेशा सच्चाई, समझदारी और सकारात्मक सोच पर ज़ोर देती है।

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सच्ची दोस्ती क्या होती है?

जया किशोरी कहती है कि दोस्ती का मतलब सिर्फ़ साथ रहना नहीं होता, बल्कि असली दोस्ती तब पहचानी जाती है जब दोनों एक दूसरे की बातें और हालातों को बख़ूबी समझते हो। कई बार ऐसा होता है कि हमें यह हमारे किसी दोस्त को एक दूसरे की ज़रूरत होती है, लेकिन स्थिति या फिर किसी परेशानी के चलते हम हमने नहीं दे पाते हैं। ऐसे वक़्त में अगर दोस्त समझते नहीं दिखाई और इसकी को लेकर शिकायत करने की बजाय हमेशा अपनापन बनाए रखी, वो एक तरीक़े से यही सच्ची दोस्ती की परिभाषा होती है।

सच्चा दोस्त कौन होता है?

जया किशोरी कहती है, की एक सच्ची दोस्ती से हँसी मज़ाक करने या हमेशा साथ रहने से नहीं होती है। जब आपका कोई दोस्त मुश्किल में हो और वो आपसे मिल ना पाए या बात न कर सके, तो उस वक़्त उसकी मजबूरी को समझ और बिना नाराज़ हुई उसका साथ देना ही असली दोस्ती होती है। दोस्ती का यह मतलब नहीं होता है कि हम तब तक ही अपने दोस्त का साथ दें, जब तक वह हमसे मिलने आता रहे, या हमारी बातें मानता रहे।

गलतफहमी में भी दोस्ती कैसे निभाएं?

कई बार दोस्ती में छोटी छोटी बातों को लेकर ग़लतफ़हमी हो जाती है, लेकिन वहीं पर समझदारी और धैर्य की आवश्यकता होती है। जया किशोरी कहती है कि अगर दोस्ती में भरोसा है, तो रिश्ते में कभी भी दूरियां नहीं आ सकती है। एक अच्छी दोस्ती निभाने के लिए ज़रूरी है, कि हम एक दूसरे की बातों को समझें और हर हाल में रिश्तों को निभाने की कोशिश करें।

 


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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