जानिये सौंफ के फायदे और नुकसान, इन लोगों को नहीं खाना चाहिए सौंफ

Fennel

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। सौंफ (fennel) ऐसा मसाला है जो मुखवास या माउश फ्रेशनर के रूप में खूब इस्तेमाल होती है। ये कई पोषक तत्वों से भरपूर है और सेहत के लिए बहुत लाभकारी होती है। आयुर्वेद के मुताबिक सौंफ खाने से ह्रदय स्वस्थ रहता है, ये एंटी कैंसर प्रॉपर्टी से भरपूर है, सूजन कम करती है, ब्लड प्रेशर संतुलित रखती है और वजन कम करने में भी मददगार है। इससे मुंह की बदबू दूर होती है और पाचन में भी सहायक है। लेकिन कोई भी चीज अगर अति में ली जाए तो उसका नुकसान भी होता है। आज हम आपको बताएंगे सौंफ के फायदे और नुकसान के बारे में।

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सौंफ के फायदे

  • सौंफ त्रिदोषनाशक है. इस की तासीर ठंडी है , पर यह जठराग्नि को मंद नहीं करती। इससे है जिससे पाचन क्षमता बढ़ती है।
  • सुबह खाली पेट सौंफ खाने से बॉडी डिटॉक्स होती है। ये फाइबर से भरपूर होती है और इस कारण आपको कब्ज से राहत देती है।
  • रात में सौंफ को पानी में भिगो दीजिए और सुबह खाली पेट सौंफ का पानी पीजिए। इससे वजन कम होता है और शरीर की गंदगी भी बाहर निकलती है।
  • सौंफ का पानी आंखों के लिए भी लाभकारी है। इसमें विटामिन ए होता है। साथ ही इसमें एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण भी पाए जाते हैं। इससे आंखों की सूजन या जलन दूर होती है।

सौंफ के पानी में पोटैशियम की मात्रा ज्यादा होती है। इससे हाई बीपी के लक्षणों को कम करने में मदद मिलती है।सौंफ से हृदय संबंधित समस्याओं में भी लाभ होता है और कोलेस्ट्रॉल का खतरा भी घटता है।

सौंफ के नुकसान

  • सौंफ के अधिक सेवन से एलर्जी की समस्या भी हो सकती है। इसके अलावा आपको पेट से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं।
  • ज्यादा सौंफ खाने से आपको स्किन प्रॉब्लम हो सकती है क्योंकि इसका सेवन करने से सेंसटिविटी बढ़ जाती है और धूप में निकलना मुश्किल हो जाता है।
  • गर्भवती महिलाओं को भी ज्यादा सौंफ नहीं खाने की सलाह दी जाती है। इसके बीजों में एस्ट्रोजन जैसे गुण होते हैं और अगर किसी को ब्रेस्ट कैंसर, एंडोमेट्रियोसिस, ओवेरियन कैंसर आदि रोग हैं तो ये एस्ट्रोजन के कारण और मुश्किल हालात में पहुंच सकते हैं।
  • बच्चों के लिए भी जरूरत से ज्यादा सौंफ का सेवन नुकसानदायक है। वहीं स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी सीमित मात्रा में ही सौंफ खाननी चाहिए।

(डिस्क्लेमर – हम इन बातों की पुष्टि नहीं करते हैं, इसे केवल सुझाव के रूप में लें और आवश्यकता पड़ने पर पहले एक बार अपने चिकित्सक का परामर्श लें)


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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