Psychological facts about love : प्यार क्या है..इस सवाल के उतने ही जवाब हो सकते हैं जितने इस संसार में मन हैं। किसी के लिए प्यार जीवन है, किसी के लिए जीवन का हिस्सा। किसी के लिए मीठा सा संगीत तो किसी के लिए तलवार की धार। किसी के लिए खुशनुमा अहसास तो किसी के लिए दर्द भरी दास्तान। इसीलिए प्यार की कोई एक तय परिभाषा नहीं हो सकती है। लोग इसके बारे में जैसा सोचते हैं, जैसा महसूसते हैं, जैसा बरतते है..प्यार उनके लिए वही रूप धर लेता है।
प्यार से जुड़े मनोवैज्ञानिक तथ्य
लेकिन जब बात आती है दिमाग की तो यहां हर बात के लिए कोई न कोई अलग तथ्य होता है। हम बात कर रहे है मनोविज्ञान की। मनोविज्ञान के क्षेत्र में प्यार को लेकर कई तरह की रिसर्च हुई हैं..जिसमें कुछ बड़ी ही रोचक बातें निकलकर सामने आई हैं। आज हम आपके साथ ऐसे ही कुछ इंटरस्टिंग फैक्ट्स साझा करने जा रहे हैं।
- अगर आपको भी किसी से पहला प्यार हुआ है तो आप उन 30 लाख लोगों में शामिल हैं। जी हां..वो तीस लाख लोग जो हर रोज प्यार में पड़ते हैं। मनोविज्ञान कहता है कि दुनियाभर में एक दिन में करीब तीस लाख लोग (जिनमें स्त्री पुरुष दोनों शामिल हैं), उन्हें अपने जीवन का पहला प्रेम होता है।
- कहते हैं कि अगर होना हो तो पल भर में प्यार हो जाता है…और नहीं होना हो तो जीवन भर के साथ के बाद भी नहीं हो पाता। इसे लेकर भी एक थ्योरी है। इसके मुताबिक पुरुष को किसी महिला के प्रेम में पड़ने के लिए महज़ 8 से 10 सेकंड लगते हैं। वहीं महिलाएं इसके लिए थोड़ा ज्यादा समय लेती हैं। उन्हें किसी पुरुष से प्रेम होने में औसतन पंद्रह दिन का समय लग जाता है।
- किसी की भी मुस्कान हमें आकर्षित करती हैं। लेकिन मनोवैज्ञानिक रिसर्च के मुताबिक महिलाएं ऐसे पुरुषों की तरफ ज्यादा आकर्षित होती हैं जो कम मुस्कुराते हैं। वहीं पुरुषों को मुस्कुराती हुई महिलाएं ज्यादा आकर्षक लगती हैं।
- आपने ‘जब वी मेट’ फिल्म देखी होगी तो गीत का किरदार जरुर याद होगा। इस फिल्म में नायिका बहुत बातें करती है और नायक खामोश तबियत का है। वो तो खैर फिल्म है लेकिन मनोविज्ञान भी ये कहता है कि ज्यादा बोलने वाली लड़कियां और कम बोलने वाले लड़कों में बहुत गहरा प्रेम हो सकता है। इनकी जोड़ी बेहद मजेदार भी होती है।
- अक्सर ये भी देखा गया है कि महिलाएं ‘परफेक्ट पुरुषों’ को छोड़कर ऐसे पुरुष के प्रेम में पड़ जाती है, जो उनसे बिलकुल मैच नहीं करते हैं। एक रिसर्च के आधार पर ये बात कही गई है कि महिलाएं ‘अच्छे स्वभाव’ वाले पुरुषों के साथ सिर्फ दोस्ती तक ही सीमित रह जााती है। जबकि वो ऐसे पुरुष के प्रेम में पड़ जाती है, जिसकी छवि कुछ ‘ग्रे शेड’ वाली होती है।
- मनोविज्ञान के मुताबिक अगर आप प्रेम से जुड़ी कोई वस्तु या दृश्य देखते हैं, उसके बारे में बात करते हैं या कुछ सुनते हैं तो आपके मन में आपके प्रेमी या प्रेमिका की छवि उभर आती है।
- एक दूसरे को देखकर दिल की धड़कनों का बढ़ना..ये सिर्फ किताबी जुमला नहीं है। मनोविज्ञान के मुताबिक अगर दो प्यार करने वाले लगातार कुछ देर तक एक दूसरे की आंखों में देखने हैं तो दोनों के दिल की धड़कने एक साथ चलने लगती है और बढ़ जाती है।
- अब हम आपको एक राज़ की बात बताने जा रहे हैं..अगर आपको अपने प्रेमी या प्रेमिका को कुछ सुंदर, प्यार भरी, भावुक करने वाली बात कहना है तो उसके बाएं कान में कहिए। ऐसा होने पर वो ज्यादा असर करेगी।
- मुन्ना भाई एमबीबीएस में ‘झप्पी’ के कॉन्सेप्ट को काफी पॉपुलर कर दिया है। लेकिन मनोविज्ञान के मुताबिक भी किसी ऐसे को जिससे आप प्यार करते हैं, गले लगाना अच्छा होता है। इसके आपका तनाव दूर होता है। दरअसल जब आप अपने साथी को गलेलगाते हैं को शरीर में ऑक्सीटॉसिन का स्राव होता है, जो तनाव को दूर करने में मददगार है।
- एक स्त्री अगर अपने प्रेमी के साथ है..उससे आमने सामने बात कर रही है तो उसका जुड़ाव अधिक गहराएगा। वहीं एक पुरुष जब अपनी प्रेमिका के साथ मिलकर कोई गेम खेलता है, साथ बैठता है या साथ में कोई काम करता है..तब उसका अटैचमेंट ज्यादा बढ़ता है।
(डिस्क्लेमर : ये लेख मनोविज्ञान संबंधी रिसर्च और उसके तथ्यों के आधार पर लिखा गया है। हम इसकी पुष्टि नहीं करते हैं।)