नई दिल्ली , डेस्क रिपोर्ट । हिन्दू धर्म में हर महीने पूर्णिमा का बहुत खास महत्व होता है । इस अवसर पर लोग पवित्र नदियों में स्नान करने जाते हैं तथा अपने घर पर पूजा का भी आयोजन करते हैं । माघ महीने में आने वाली पूर्णिमा को माघ पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस दिवस का बहुत ही खास महत्व होता है। हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार यह दिन शाही स्नान का होता है , इस दिन को गंगा घाट पर माघ पूर्णिमा को एक उत्सव के रूप में मनाया जाता है। जहां श्रद्धालु पूजा , जप- तप और दान करते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार माघ पूर्णिमा 16 फरवरी को सुबह 9:42 बजे से शुरू होगा और 16 फरवरी रात 10:55 बजे तक जारी रहेगा। इस दिन भक्त गंगा समेत अन्य कई पवित्र नदियों में स्नान कर सकते हैं और यदि बाहर जाना मुश्किल हो तो घर में ही पानी में गंगा जल मिलाकर स्नान कर सकते हैं।
यह भी पढ़े … युवाओं के लिए अच्छी खबर ! भारतीय वायु सेना दे रहा है नौकरी का अवसर, जाने किन पदों के लिए होगी भर्ती
हिन्दू मान्यताओं के अनुसार यदि कोई व्यक्ति स्नान कर सूर्य देव की पूजा -अर्चना , अमृत -पान , मौली , तिरोड़ी , कुमकुम फल- फूल , सुपारी , दुर्वा इत्यादि पूजा सामग्री से पूजा करने पर जीवन में सुख संपत्ति का आगमन होता है, तथा मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। स्नान के बाद सूर्य के सामने खड़े हो कर सबसे पहले भगवान सूर्यनारायण का मंत्र “ओम नमो नारायणाय” मंत्र के जाप से जल अर्पण करके तिलांजलि देने से लाभ प्राप्त होता है ।
शस्त्रों कि माने तो, इस दौरान तील और तर्पण करना भी शुभ माना जाता है। जिसके बाद पूजा के बाद जरूरतमंदों और गरीबों को दान दक्षिणा करना भी बहुत लाभकारी होता है । और यदि इस दौरान ब्राह्मण भोज का आयोजन किया जाए तो भक्तों की मनोकामना भी पूरी होती है । बता दें कि इस दिन दान का बहुत ही खास महत्व होता है।