अपने वीकेंड में भरिये मिठास, बनाइये सूजी के मालपुए

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। वीकेंड है और ऐसे में सभी फन और इन्जॉयमेंट के मूड में होते हैं। इसी के साथ किचन में भी कुछ स्पेशल बनाया जाता है। वीकेंड पर हफ्ते भर की सारी झंझट, भागमभाग या डायटिंग छोड़कर खाने पीने और मिलने मिलाने का दौर चलता है। ऐसे आप भी अगर कोई स्वीट डिश बनाने का सोच रहे हैं तो हम आपके लिए लाए हैं एक स्वादिष्ट रेसिपी।

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आज हम आपको मालपुआ बनाने की विधि बताने जा रहे हैं। खास बात ये कि ये मैदे का न होकर सूची से बना हुआ है। मालपुआ हमारे देश के अलग अलग हिस्सों में अलग अलग तरीके से बनाया जाता है। ओडिशा, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, बिहार और उत्तर प्रदेश सहित कई स्थानों पर इसका काफी प्रचलन है। कई त्योहारों पर भी इसे बनाने की परंपरा है। भगवान जगन्नाथ को चड़ाए जाने वाले छप्पन भोगों में अमालु मतलब मालपुआ भी एक है। वहीं रमजान के पवित्र महीने में मुस्लिम समुदाय के लोग भी मालपुआ बनाते हैं।ज

ये मालपुए बनाने के लिए हमें बारीक सूजी चाहिए। इसमें थोड़ा बेकिंग पाउडर डाल लीजिए। थोड़ी सौंफ पीस लीजिए। अब मलाई वाले दूध में सूजी का घोल बना लें। ये घोल न ज्यादा पतला होना चाहिए न ज्यादा गाढ़ा। इसमें थोड़ा कंडेंस्ड मिल्क मिला लीजिए। एक तरफ चाशनी बना लीजिए और उसमें थोड़ी इलायची और केसर मिला लीजिए। आधी से लेकर एक तार की चाशनी बनाना है, इसे ज्यादा गाढ़ा नहीं करना है। अब सूजी के बैटर को चेक कीजए। इसमें थोड़ा दूध और मिलाना पड़ सकता है। इसके बाद कड़ाही में घी या तेल अच्छे से गरम करें और उसमें कड़छी की सहायता से घोल के मालपुए के आकार में डालते जाएं। एक तरफ से ब्राउन हो जाने के बाद उसे पलट दीजिए। इन्हें किसी टिश्यू पेपर पर निकाल लीजि और फिर चाशनी में डाल दीजिए। ये कम से कम दस मिनिट तक उसी में रहने दीजिए ताकि मालपुए चाशनी को अच्छे से सोख लें। अब आपके मालपुए तैयार हैं, आप चाहें तो इन्हें ड्राई फ्रूट से सजा सकते हैं।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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