आम और काजू हैं आपस में रिश्तेदार, लाखों में बिकता है दुनिया का सबसे महंगा Mango, जानिए आम से जुड़ी खास बातें

'फलों का राजा' आ गया है। इस मीठे रसीले फल की दीवाने दुनियाभर में हैं। लेकिन इससे जुड़ी कई बातें हैं जो शायद आपने पहले कभी नहीं सुनी होगी। जैसे, जापान में आम की एक किस्म है जिसे Taiyo no Tamago कहा जाता है। इसका मतलब है "सूरज का अंडा" जो बहुत खास और बहुत कीमती आम की किस्म है और  जापान में इसकी नीलामी होती है। हम आमरस बनाते हैं लेकिन थाईलैंड और कुछ देशों में आम से वाइन बनाई जाती है। इसे "मैंगो वाइन" कहते हैं जिसका स्वाद हल्का मीठा व तीखा होता है। वहीं, कुछ आम के पेड़ों पर ग्राफ्टिंग करके अलग-अलग किस्मों के आम उगाए जाते हैं। यानी एक ही पेड़ पर अल्फांसो, दशहरी और केसर मिल सकते हैं।

Fascinating Facts About Mangoes  “नायाब आम लुत्फ़ हुए रंग रंग के..कोई है ज़र्द कोई हरा कुछ हैं लाल लाल” आम का मौसम आ चुका है। गर्मी की सबसे बड़ी खासियत यही है कि इस समय फलों के राजा आम का मौसम लौट आता है। तो गर्मियां आ चुकी हैं और धीरे-धीरे बाजार में आम की खुशबू फैलने लगी है। लोग अपने पसंदीदा फल का स्वाद लेने को बेताब हैं। इस बीच क्या आपको पता है कि भारत और दुनियाभर में आम की सैकड़ों किस्में पाई जाती हैं, जिनमें से हर एक की अपनी अलग पहचान, स्वाद और सुगंध होती है।

भारत दुनिया में आम का सबसे बड़ा उत्पादक है और वैश्विक उत्पादन का उसरा 40% से ज्यादा हिस्सा देता है। इसके अलावा पाकिस्तान, थाईलैंड, मैक्सिको, फिलीपींस, ब्राजील, अफ्रीका (नाइजीरिया, केन्या) और ऑस्ट्रेलिया में भी आम की खेती होती है। जापान में भी आम की कुछ खास किस्में उगाई जा रही हैं।

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आ गया मौसम ‘फलों के राजा’ आम का

दुनियाभर में आम की 1000 से 1500 किस्में मौजूद हैं। और हम इस बात पर खुश हो सकते हैं कि भारत इसकी पैदावार में सबसे आगे है। यहां आग की लगभग 1000 से ज्यादा वैरायटी पाई जाती हैं। “फलों का राजा” आम 4000 साल से भी ज्यादा पुरानी है। आम का पेड़ 100 साल तक फल दे सकता है। कुछ पेड़ तो 300 साल तक जीवित रहते हैं। भारत में अल्फांसो और दशहरी मशहूर हैं, तो थाईलैंड में नम दोक माई और मैक्सिको में टॉमी एटकिंस लोगों की पसंद हैं। जहां पका आम अपने अद्भुत स्वाद के लिए मशहूर है वहीं कच्चा आम अचार और चटनी सहित कई व्यंजनों में इस्तेमाल होता है।

आम और काजू के पेड़ में संबंध

आम के पेड़ और काजू के पेड़ आपस में रिश्तेदार हैं। इन दोनों का एक ही खानदान है जिसका नाम है “एनाकार्डिएसी” (Anacardiaceae)। मतलब, ये एक बड़े परिवार के दो सदस्य हैं। जैसे परिवार में सबकी कुछ न कुछ आदतें मिलती-जुलती हैं..वैसे ही इन पेड़ों की पत्तियां और फल देने का तरीके में भी कुछ समानता है। तो अगली बार जब आप आम खाएं या काजू टूंगे..तो ध्यान रखिएगा कि इनकी आपस में रिश्तेदारी है।

आम की पैदावार

अल्फांसो : महाराष्ट्र में अप्रैल-जून तक। अपनी मिठास के लिए मशहूर।
दशहरी : उत्तर प्रदेश में जून-अगस्त तक। रसीला और जेब के लिए किफायती।
लंगड़ा : बिहार-यूपी में जुलाई-अगस्त में। हरा लेकिन स्वादिष्ट।
चौसा : बिहार-यूपी में जुलाई-अगस्त में। साइज में बड़ा और मीठा।
तोतापुरी : कर्नाटक-आंध्र प्रदेश में अप्रैल-जुलाई तक। अचार के लिए पसंदीदा।
केसर : गुजरात में मई-जुलाई तक। सुगंधित और स्वादिष्ट।
मियाजाकी : भारत के साथ जापान में, मई-जून में। दुर्लभ और बेहद महंगा।
केंट : मैक्सिको-अफ्रीका में जून-अगस्त तक। रस से भरपूर।
नम दोक माई : थाईलैंड में मई-जुलाई तक। पीले रंग का स्वाद में मीठा।

दुनिया का सबसे महंगा आम

हमारी जानकारी में सामान्य तौर पर अल्फांसो आम की कीमत सबसे ज्यादा होती है। लेकिन अगर दुनिया के सबसे महंगे आम की बात करें तो ये उपाधि जाती है जापान के ‘मियाजाकी’ आम को। इस आम की कीमत 2.5 से 3 लाख रुपये प्रति किलो तक पहुंच सकती है। और खास बात ये कि अब मध्यप्रदेश और गुजरात के किसान भी इसे उगा रहे हैं।

मध्यप्रदेश में उगाया जाता है ‘नूरजहां’, कीमत इसकी भी कम नहीं

‘नूरजहां आम’ भी एक महंगी नस्ल है जो मध्यप्रदेश में उगाई जाती है। मुख्य रूप से अलीराजपुर जिले में इसे उगाया जाता है। ये आम अफगानिस्तान मूल की दुर्लभ प्रजाति माना जाता है। एक नूरजहां आम की कीमत 1000 से 1200 रुपये प्रति नग तक हो सकती है। एक आम का वजन वजन 2.5 से 3 किलोग्राम तक होता है, जो इसे खास बनाता है। यह आम अपनी मिठास और आकार के लिए जाना जाता है।


About Author
Shruty Kushwaha

Shruty Kushwaha

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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