Music Therapy : संगीत के जादू से मूड ही नहीं, ठीक होती हैं बीमारियां भी

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। सुव्यवस्थित ध्वनि जो रस की सृष्टि करे..संगीत है। इसमें गायन, वादन और नृत्य का समावेश होता है। संगीत में जादू होता है। जब भी हम कोई मधुर गीत सुनते हैं तो हमारे मन को सुकून मिलता है। संगीत की स्वर लहरियां आनंद तो देती ही है, हमारी भावनाओं को बहुत तरह से प्रभावित भी करती हैं। कई बार ऐसा हुआ होगा कि किसी गीत, मुखड़े या धुन को सुनकर हमारे रोंगटे खड़े हो गए, हम मुस्कुराने लगे या फिर आंखों से आंसू आ गए। इसका साफ अर्थ है कि म्यूजिक हमारे इमोशन्स से जुड़ा हुआ है। ये हमें एकाग्रचित्त होने में भी मदद करता है और अगर किसी चीज से ध्यान हटाना हो तो उसमें भी सहायक है। कई बार जब हमारा मूड खराब होता है या हम बीमार होते हैं तो दोस्त और डॉक्टर भी सलाह देते हैं कि अपनी पसंद का म्यूजिक सुनें। इस तरह कुल मिलाकर संगीत एक जादू की तरह असर करता है।

कैटरीना कैफ ने शेयर की अपनी खूबसूरत तस्वीरें…

यही वजह है कि म्यूजिक थेरेपी (music therapy) अस्तित्व में आई। ये ऐसी प्रक्रिया है जिसमें संगीत के माध्यम से मरीज़ों का इलाज किया जाता है। सात सुरों के जादू से कई तरह की बीमारियों में लाभ देखा गया है। खासकर मनोवैज्ञानिक या दिमारी परेशानी अथवा रोग में म्यूजिक थेरेपी बहुत कारगर सिद्ध हुई है। इसमें डॉक्टर अपने मरीजों के उपचार के लिए दवाइयों के साथ संगीत का भी प्रयोग करते हैं। अलग-अलग तरह साउंड वाइब्रेशंस की एक सीरीज है, जिससे मरीज के शरीर में सकारात्मक बदलाव नोटिस किए गए हैं। इसी आधार पर संगीत का उपयोग एक ट्रीटमेंट की तरह किया जाता है। इसमें संगीत सुनने के साथ म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट बजाना, लिरिक्स लिखना और कहीं कहीं नृत्य को भी शामिल किया जाता है।

तनाव, चिंता, घबराहट, डिप्रेशन, एंग्जाइटी जैसे मरीज़ों पर इसका काफी सकारात्मक प्रभाव देखा गया है। इसी के साथ पार्किंसन और अल्ज़ाइमर के रोगियों पर भी इसका असर हुआ है। वैज्ञानिकों का कहना है कि संगीत के माध्यम से पुरानी स्मृतियों को ताजा करने में मदद मिलती है और यही कारण है कि ऐसे मरीजों पर इसका प्रभाव होता है। वाइब्रेशंस की एक सीरीज से साउंड क्रिएट होता है और मरीज का दिमाग जब इसे ग्रहण करता है तो उसमें पॉजिटिव बदलाव देखने को मिलते हैं। म्यूजिक थेरेपी को लेकर दुनियाभर में तरह तरह के प्रयोग हो रहे हैं और इसके नतीजों से शोधकर्ता बेहद उत्साहित है।

 


About Author
श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

Other Latest News