कब्रों को सजाने से लेकर जमीन पर आइसक्रीम गिराने तक, ये है दुनिया में नए साल की अजीब परंपराएं

नया साल हर देश में बड़े ही खास अंदाज में मनाया जाता है, लेकिन कुछ जगहों पर इसे सेलिब्रेट करने का तरीका इतना ज्यादा अनोखा है, जिसे सुनकर आप भी हैरान रह जाएंगे। चल जानते हैं किस-किस देश में अनोखे अंदाज में मनाया जाता है न्यू ईयर।

Bhawna Choubey
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New Year 2025: दो दिन के बाद देशभर में नया साल 2025 मनाया जाएगा। नए साल को लेकर लोगों की नई-नई उम्मीदें रहती हैं। हर कोई नया साल अपने-अपने तरीके से खास बनाता है, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि दुनिया में कुछ जगहों पर इसे मनाने के तरीके वाकई बहुत ही अनोखे हैं।

नए साल पर लोग अपनी खुशी अलग-अलग तरीकों से बयां करते हैं, कुछ देशों में नए साल का त्योहार पुरानी प्लेट-चम्मचों को फेंककर किया जाता है, तो वहीं कई जगहों पर नए साल की शुरुआत आइसक्रीम को फर्श पर गिराने से की जाती है। वहीं कई देशों में ऐसा होता है कि लोग अपने घर का पुराना सामान निकालकर फेंक देते हैं, और नए साल को नए तरीके से सेलिब्रेट करते हैं।

उत्तर यूरोप

उत्तर यूरोप के इस देश में नए साल का जश्न बड़े ही अनोखे तरीके से मनाया जाता है। नए साल के अवसर पर यहां के लोग अपने पड़ोसियों, दोस्तों के दरवाजों के बाहर पुरानी प्लेटें और चम्मच फेंकते हैं।

ऐसा माना जाता है, कि नए साल की सुबह दरवाजे पर जितने अधिक टूटे बर्तन मिलते हैं, वह व्यक्ति उतना ही भाग्यशाली माना जाता है।

दक्षिण अमेरिका

दक्षिण अमेरिका के एक देश में नया साल बड़ी ही खास परंपराओं के साथ मनाया जाता है। यहां के लोग समुद्र में सफेद फूल, परफ्यूम, ज्वेलरी, कंघी, लिपस्टिक चढ़ाते हैं।

माना जाता है कि यह समुद्र की ‘देवी येमानजा’ को भेंट करने की परंपरा है, ताकि वह नए साल को शुभ और मंगलमय बना सके।

स्वीटजरलैंड

स्विट्जरलैंड में नए साल के अवसर पर लोग जानबूझकर फर्श पर आइसक्रीम गिराते हैं, इस परंपरा को लेकर ऐसा कहा जाता है, कि ऐसा करने से आने वाला साल धन-धान्य से भरपूर होता है।

चिली

चिली के तालका में नए साल की पूर्व संध्या पर लोग अपने मृत प्रियजनों के साथ समय बिताने के लिए साथ मिलकर कब्रिस्तान जाते हैं, इस परंपरा को लेकर ऐसा माना जाता है, कि साल के अंत का जश्न बनाने के लिए मृत प्रियजन वापस आते हैं।

इसलिए लोग कब्रों को सजाते हैं, आग जलते हैं, भोजन लाते हैं और साथ मिलकर वहीं रात बिताते हैं।


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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