पूर्व विधायक राम दांगोरे ने वन विभाग की कार्रवाई पर उठाए सवाल, पोस्ट में ‘पुष्पा’ फिल्म से जोड़ा मामला

पूर्व विधायक दांगोरे के इस बयान ने न केवल प्रशासनिक कार्रवाई पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि इसे फिल्म 'पुष्पा' से जोड़कर विवाद को और तूल दे दिया है।

Amit Sengar
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Khandwa News : खंडवा जिले के गुड़ी वन परिक्षेत्र में अतिक्रमणकारियों के खिलाफ की जा रही कार्रवाई में अब नया मोड़ आ गया है। पंधाना से भाजपा के पूर्व विधायक और प्रदेश प्रवक्ता राम दांगोरे ने वन विभाग की कार्रवाई पर सवाल खड़े करते हुए इसे चंदन तस्करी पर आधारित फिल्म ‘पुष्पा’ से जोड़ दिया है। उन्होंने सोशल मीडिया पोस्ट में सागौन को मध्यप्रदेश का ‘लाल चंदन’ बताते हुए कई टिप्पणियां की हैं, जो अब चर्चा का विषय बन गई हैं।

दांगोरे ने अपने पोस्ट में आदिवासी को ‘सीनू’ और पुलिस अधिकारी को ‘डीएफओ’ के रूप में संबोधित किया। उन्होंने लिखा कि अगर 3000 हेक्टेयर जंगल काटा गया है, तो इसमें सागौन की कीमत 1000 करोड़ से कम नहीं होगी। उन्होंने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने गरीब आदिवासियों को दोषी ठहराने और जंगल काटने देने का षड्यंत्र रचा।

अतिक्रमणकारियों का हमला

गुड़ी वन परिक्षेत्र में वन विभाग तीन हजार हेक्टेयर भूमि को अतिक्रमणकारियों से मुक्त कराने के लिए कार्रवाई कर रहा है। शुक्रवार को आमाखजुरी गांव में कार्रवाई के दौरान अतिक्रमणकारियों ने हमला कर दिया, जिसमें डीएसपी, एसडीएम, थाना प्रभारी सहित पुलिसकर्मी और वनकर्मी घायल हुए। पिपलौद पुलिस ने इस मामले में 40 नामजद और 100 से अधिक अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है।

‘पुष्पा’ फिल्म से जोड़कर सवाल

पूर्व विधायक दांगोरे ने अपनी पोस्ट में लिखा कि गरीब आदिवासी सीनू को पकड़ लिया गया, लेकिन ‘पुष्पा’ कहां है? उन्होंने डीएफओ को निलंबित रखने और सागौन की वसूली सुनिश्चित करने की मांग की। हालांकि, जब पोस्ट पर सोशल मीडिया यूजर्स ने सवाल किए, तो उन्होंने पोस्ट को एडिट करते हुए लिखा कि फॉरेस्ट कर्मियों पर हुए हमले निंदनीय हैं।

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सिद्दप्पा की भूमिका पर चुप्पी

फिल्म ‘पुष्पा’ के एक पात्र विधायक सिद्दप्पा का जिक्र करते हुए जब पूर्व विधायक से पूछा गया कि जिले में कौन विधायक ‘पुष्पा’ का साथ दे रहा है, तो उन्होंने इस सवाल पर चुप्पी साध ली। हालांकि, उन्होंने यह जरूर कहा कि जांच के बाद नाम सामने आएंगे।

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वन विभाग का बयान

डीएफओ राकेश कुमार डामोर ने कहा कि अतिक्रमणकारियों द्वारा काटे गए सागौन के पेड़ों की लकड़ियां डिपो में रखी गई हैं। जो पेड़ काटकर जला दिए गए, उनके लिए संबंधित अधिकारियों से वसूली की जा रही है। पेड़ों की सुरक्षा वनकर्मियों की जिम्मेदारी होती है, और इसमें लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

पूर्व विधायक दांगोरे के इस बयान ने न केवल प्रशासनिक कार्रवाई पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि इसे फिल्म ‘पुष्पा’ से जोड़कर विवाद को और तूल दे दिया है। इस मामले में आगे क्या खुलासे होंगे, यह देखने वाली बात होगी।
खंडवा से सुशील विधाणी की रिपोर्ट


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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