भारतीय रेलवे का इतिहास जितना ज्यादा पुराना है उतना ही अधिक मजेदार भी है। यहां हर वर्ग के यात्री सफर करते हैं। यह बेहद आसान, आरामदायक और सस्ता सफर माना जाता है। सुगमता के लिए प्रसिद्ध, पूरे विश्व में यह चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क है। देश भर के अलग-अलग हिस्सों के लिए लगभग 1300 से अधिक ट्रेन रोजाना संचालित की जाती है, जिसमें सभी के रूट अलग-अलग होते हैं। शहर, क्षेत्रफल और लोगों की सुविधाओं के अनुसार रेलवे स्टेशन और उनके स्टॉपेज तय किए जाते हैं। भारत में राजधानी, दुरंतो, वंदे भारत, शताब्दी एक्सप्रेस, मेल, सुपरफास्ट आदि चलाई जाती हैं।
देश के हर राज्य में ट्रेन की अपनी अलग भूमिका होती है और यह अपने अलग महत्व के लिए जाना जाता है। हर राज्य की ट्रेन वहां की लाइफ लाइन मानी जाती है।
अनोखा रेलवे स्टेशन
अमूमन रेलवे स्टेशन का नाम सुनते ही दिमाग में भीड़भाड़ वाली जगह, चलती हुई ट्रेन, टिकट काउंटर, लोगों का इंतजार, प्लेटफार्म पर खड़े यात्री आते हैं। इसका अर्थ सफर की शुरुआत या सफर का अंत होता है, लेकिन आज हम आपको एक ऐसा रेलवे स्टेशन के बारे में बताएंगे जो सभी स्टेशन से काफी अलग है।
सेईर्यु-मिहाराशी स्टेशन
दरअसल, इस रेलवे स्टेशन का नाम सेईर्यु-मिहाराशी स्टेशन है, जो कि जापान में स्थित है। यहां ना तो कोई एंट्री गेट है और ना ही कोई एग्जिट गेट है। यहां ना टिकट काउंटर है और ना ही कोई स्थाई बिल्डिंग है। इसके बावजूद यहां ट्रेन रूकती है, यात्री उतरते भी हैं। यह एक ऐसा स्टेशन है, जहां बाहर से कोई आ नहीं सकता और अंदर से कोई जा नहीं सकता।
केवल 1 प्लेटफार्म
सेईर्यु-मिहाराशी स्टेशन किसी शहरीया कस्बे के बीच में नहीं है और ना ही यह किसी रिहायशी इलाके में है। यह केवल एक पर्यटन स्थल है, जहां लोग टूरिज्म के लिए पहुंचते हैं। प्राकृतिक का आनंद लेने के बाद कुछ समय वहां रोककर वह उसी ट्रेन से वापस लौट जाते हैं। यहां पर केवल 1 प्लेटफार्म है। इस प्लेटफार्म से नीचे की नदी का अद्भुत और शानदार दृश्य नजर आता है। इसके अलावा, यहां आसपास की घनी हरियाली लोगों का मन मोह लेती है। यह विशुद्ध पर्यटन केंद्र है, जहां लोग शांति और प्रकृति का सौंदर्य नजारा देखने आते हैं।
खास तौर पर किया गया डिजाइन
इस स्टेशन का निर्माण प्रकृति के बीचो-बीच किया गया है। यात्री सिर्फ यहां ट्रेन से आते हैं, प्लेटफार्म पर कुछ समय बिताने के बाद उसी ट्रेन पर सवार होकर वापस लौट जाते हैं। इसलिए यहां टिकट की जरूरत नहीं है और ना ही कोई बिल्डिंग है, ना ही अंदर आने या बाहर जाने के लिए कोई सुरक्षा गेट है। यहां लगभग रोज 10 ट्रेन गुजरती हैं, जो की गुलाबी, हरे, नीले और पीले रंग की होती हैं। इसे पर्यटकों के लिए खास तौर पर डिजाइन किया गया है।





