Parenting Tips: जैसे-जैसे ज़माना बदल रहा है वैसे-वैसे बच्चों की परवरिश करने का तरीक़ा भी बदलता जा रहा है. पहले के ज़माने की बात की जाए तो पहले माता-पिता बच्चों पर इतना ध्यान नहीं दे पाते थे, बच्चे अपने आप ही समझदार और होशियार बन जाते थे.
लेकिन अब ज़माना बिलकुल बदल चुका है सभी माता-पिता अपने बच्चों को लेकर बहुत ज़्यादा सतर्क हो चुके हैं. सभी माता-पिता की यही ख़्वाहिश होती है कि उनका बच्चा अच्छे से पढ़े लिखे, अच्छे-अच्छे संस्कार सीखें और जीवन में ख़ूब आगे बढ़ें . इसके चलते माता-पिता बच्चों को हर सुविधा उपलब्ध कराते हैं, जिससे की बच्चों को किसी भी तरह की परेशानी न झेलना पड़े. लेकिन फिर भी जाने-अनजाने में माता-पिता के द्वारा की गई कुछ गलतियों के कारण बच्चे बिगड़ जाते हैं.
भावनात्मक ज़रूरत
कई बार माता पिता अपने बच्चों की भावनात्मक ज़रूरतों को नज़रअंदाज़ कर देते हैं. चाहे आप कितने भी व्यस्त क्यों न हो लेकिन बच्चों की बात सुनने और समझने के लिए समय दें.
इसके लिए आप क्या कर सकते हैं? इसके लिए आप कोशिश करें कि आप हर दिन अपने बच्चों के साथ समय बिताएँ, उनसे बातें करें, उनसे पूछें कि आज दिन भर में उन्होंने क्या किया है. इस तरह से बच्चे अपनी भावना को आपके सामने साझा कर पाएंगे.
घर का माहौल
इस बात का विशेष ध्यान रखें कि घर का माहौल का असर बच्चों पर बहुत पड़ता है. घर का माहौल जैसा रहता है बच्ची वैसे ही ढल जाते है.
इसलिए हमेशा घर में पॉज़िटिव माहौल बनाकर रखना चाहिए. लड़ाई-झगड़े, अन-बन, बहस और नेगेटिविटी से बच्चों की मानसिक सेहत पर बहुत असर पड़ता है.
बाहर का खाना
आज के समय में यहाँ सिर्फ़ बड़े लोगों की बल्कि बच्चों की भी लाइफ़स्टाइल काफ़ी बिगड़ती जा रही है. बच्चों को घर का खाना बिलकुल पसंद नहीं आता है वे हमेशा से बाहर की चिप्स और कुरकुरे खाना पसंद करते हैं, जो की बहुत अनहेल्दी होते हैं. अगर आप चाहते हैं है कि आपके बच्चे तंदुरुस्त रहें और हेल्दी खाना खाएं तो आपको भी बाहर का खाना खाना छोड़ना पड़ेगा.
ज़्यादा स्क्रीन टाइम
आजकल जिस भी बच्चे को देखो सभी कि हाथ में मोबाइल फ़ोन नज़र आते हैं. अगर मोबाइल फ़ोन नहीं, तो बच्चे फिर TV देखने लग जाते हैं.
इस तरह से ज़्यादा देर तक स्क्रीन को देखने से बहुत कम उम्र में ही बच्चों की आंखें ख़राब हो जाती है, और बड़े होते-होते उन्हें बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.