जिद्दी और गुस्सैल बच्चों को सुधारने के सुपर तरीके, हर पेरेंट्स के लिए काम की टिप्स

Parenting Tips: अगर आपका बच्चा दिन-ब-दिन गुस्सैल और जिद्दी बनता जा रहा है, तो उसे सुधारने के लिए सही पेरेंटिंग तकनीक अपनाना बेहद जरूरी है।

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Parenting Tips: अगर आप अपने बच्चों के गुस्सैल और जिद्दी स्वभाव को समय रहते नियंत्रित नहीं करते हैं तो यह उसकी पर्सनालिटी पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

बच्चों की बदतमीजी को नजर नाश करना पेरेंट्स के लिए एक बड़ी गलती साबित हो सकती है ऐसे में बच्चों के व्यवहार में सुधार लाने की के लिए कुछ प्रभावी पेरेंटिंग टिप्स को अपनाना जरूरी है।

सकारात्मक संवाद

जब कभी भी बच्चा अपनी बात को मनवाने के लिए जिद करता है या गुस्सा दिखाता है तो पेरेंट्स को अपनी नाराजगी जाहिर करने का सही तरीका अपनाना चाहिए।

ऐसी स्थिति में अक्सर माता-पिता बच्चों पर चिल्लाने लगते हैं, लेकिन चिल्लाने की बजाय उनसे थोड़ी देर के लिए बातचीत बंद कर देना एक बेहतरीन तरीका हो सकता है। इस प्रकार का व्यवहार बच्चों को सोचने का मौका देता है और जब उन्हें अपनी गलती का एहसास होगा तो वह खुद ही माफी मांगेंगे और अपनी ज़िद को बंद कर देंगे।

बच्चों की भावनाओं को समझें

लेकिन बच्चे की हर जिद्द को नजरअंदाज करना भी कई बार सही नहीं होता है, कभी-कभी बच्चों की भावनाओं को समझना भी जरूरी है। जब आप उनकी किसी जिद्द को पूरा नहीं कर रहे हैं, तो उन्हें इसके पीछे का कारण स्पष्ट रूप से बताएं, ताकि वह समझ सके कि क्यों उनकी मांग पूरी नहीं हो रही है।

इसके साथ ही समय-समय पर उनकी कुछ ख्वाहिशें को पूरा करना भी जरूरी है, क्योंकि हमेशा उनकी इच्छाओं को दबाना उनके स्वभाव पर नकारात्मक प्रभाव भी डाल सकता है। समझदारी के साथ बच्चों की भावनाओं का ख्याल रखना जरूरी है।

जिद्दी बच्चों के व्यवहार में सुधार के सरल उपाय

बच्चों के गुस्सैल और जिद्दी स्वभाव को सुधारने के लिए पॉजिटिव अप्रोच अपनाना बेहद कारगर साबित हो सकता है। बच्चों को समझदारी से इस तरह के व्यवहार की नकारात्मक प्रभावों के बारे में बताएं और जब भी अपने व्यवहार में बदलाव लाएं, तो उनकी तारीफ करना ना भूलें।

क्योंकि जब आप उनके अच्छे व्यवहार की तारीफ करेंगे, तो बच्चों को आगे चलकर और भी अच्छे व्यवहार करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। शांति और धैर्य से उन्हें समझना भी जरूरी है क्योंकि अगर आप गुस्सा करेंगे तो उनकी जिद और बढ़ सकती है। इन टिप्स को अपनाने से कुछ ही महीने में बच्चों के स्वभाव में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

 


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं। मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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