Parenting Tips: सोशल मीडिया पर बच्चों की ये 5 तरह की फोटो भूलकर भी ना लगाएं, पड़ सकता है बुरा असर

Parenting Tips: हर माता-पिता को अपने बच्चों की फोटो को सोशल मीडिया पर लगाना बहुत अच्छा लगता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि छोटे बच्चों की फोटो को सोशल मीडिया पर लगाने से कई प्रकार का खतरा बढ़ सकता है।

Bhawna Choubey
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Parenting Tips: आजकल स्मार्टफोन के जमाने में हर माता-पिता अपने बच्चों के हर पल को कमरे में कैद करते हैं, खूब सारी फोटो और वीडियो बनाते हैं और उन्हें सोशल मीडिया पर अपलोड करते हैं। सोशल मीडिया पर कई बार लाइक्स और अच्छे कमेंट्स के लालच में माता-पिता सभी प्रकार की फोटो अपलोड कर देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं की माता-पिता को कुछ प्रकार की फोटो सोशल मीडिया पर बिल्कुल भी अपलोड नहीं करनी चाहिए। साधारण फोटो को अपलोड करना गलत बात नहीं है लेकिन कुछ फोटो और वीडियो ऐसे होते हैं जो अनजान लोगों को हद से ज्यादा जानकारी दे देते हैं उन फोटो को भूलकर भी सोशल मीडिया पर नहीं लगना चाहिए। आज हम इस लेख के द्वारा यह बताने जा रहे हैं कि किस प्रकार की फोटो को भूलकर भी सोशल मीडिया पर नहीं लगना चाहिए, तो चलिए जानते हैं।

किस प्रकार की फोटो को नहीं लगना चाहिए सोशल मीडिया पर

1. चेहरे की स्पष्ट तस्वीरें

बच्चों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर साझा करना मजेदार और यादगार हो सकता है, लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि आप सावधानी बरतें, खासकर जब उनके चेहरे की स्पष्ट तस्वीरें साझा करते हों। सोशल मीडिया पर साझा की गई तस्वीरों का इस्तेमाल किसी बच्चे की पहचान चोरी करने के लिए किया जा सकता है। अपराधी इन तस्वीरों का उपयोग नकली सोशल मीडिया प्रोफाइल बनाने, वित्तीय धोखाधड़ी करने या अन्य हानिकारक गतिविधियों के लिए कर सकते हैं। दुर्भाग्य से, बच्चों की तस्वीरों का इस्तेमाल बाल यौन शोषण सामग्री बनाने के लिए भी किया जा सकता है। अपराधी इन तस्वीरों को बदल सकते हैं और उन्हें यौन रूप से स्पष्ट बनाने के लिए संपादित कर सकते हैं। सोशल मीडिया पर साझा की गई तस्वीरों का उपयोग बच्चों को ऑनलाइन उत्पीड़न या धमकी देने के लिए किया जा सकता है। अन्य बच्चे या वयस्क इन तस्वीरों का मजाक उड़ा सकते हैं या उन्हें अपमानित करने वाली टिप्पणियां कर सकते हैं।

2. स्थान की जानकारी वाली तस्वीरें

यदि आप किसी तस्वीर में स्थान की जानकारी साझा करते हैं, तो अपहरणकर्ता या शिकारी आसानी से आपके बच्चे का पता लगा सकते हैं। वे इस जानकारी का उपयोग आपके बच्चे का अपहरण करने या उन्हें नुकसान पहुंचाने के लिए कर सकते हैं। स्थान की जानकारी वाले बच्चों की तस्वीरों का इस्तेमाल बाल यौन शोषण करने वालों द्वारा भी किया जा सकता है। वे इन तस्वीरों का उपयोग उन जगहों की पहचान करने के लिए कर सकते हैं जहां बच्चे अकेले रहते हैं या घूमते हैं, और फिर उनका शोषण करने का अवसर ढूंढ सकते हैं।

3. स्कूल या अन्य यूनिफार्म वाली तस्वीरें

यदि आप अपने बच्चे की स्कूल यूनिफॉर्म या अन्य पहचान वाले कपड़ों वाली तस्वीर साझा करते हैं, तो लोग आसानी से उनके स्कूल और घर का पता लगा सकते हैं। इसका इस्तेमाल आपके बच्चे को धमकाने, परेशान करने या उनका अपहरण करने के लिए किया जा सकता है। सोशल मीडिया पर साझा की गई तस्वीरों का उपयोग बच्चों को ऑनलाइन उत्पीड़न या धमकाने के लिए किया जा सकता है। अन्य बच्चे उनके कपड़ों, उनके स्कूल या उनके परिवार का मजाक उड़ा सकते हैं।

4. नाजुक गतिविधियों वाली तस्वीरें

बच्चे शर्मिंदा या असुरक्षित महसूस कर सकते हैं यदि उनकी नाजुक गतिविधियों की तस्वीरें उनकी सहमति के बिना ऑनलाइन साझा की जाती हैं। इससे उन्हें आत्म-सम्मान और शरीर की छवि के मुद्दों का सामना करना पड़ सकता है। नाजुक गतिविधियों वाली बच्चों की तस्वीरों का उपयोग बाल यौन शोषण करने वालों द्वारा भी किया जा सकता है। वे इन तस्वीरों का उपयोग बच्चों को शोषण करने या उन्हें बाल यौन शोषण सामग्री बनाने के लिए कर सकते हैं।

5. दुखी या परेशान दिखने वाली तस्वीरें

दुखी या परेशान दिखने वाले बच्चों की तस्वीरों का उपयोग उन्हें ऑनलाइन उत्पीड़ित करने या धमकाने के लिए किया जा सकता है। अन्य बच्चे उनके मूड का मजाक उड़ा सकते हैं या उन्हें अपमानित करने वाली टिप्पणियां कर सकते हैं। यदि बच्चों की तस्वीरें अक्सर दुखी या परेशान दिखने वाली साझा की जाती हैं, तो इससे उन्हें आत्म-सम्मान और आत्म-मूल्य के मुद्दों का सामना करना पड़ सकता है। वे मान सकते हैं कि वे दूसरों के लिए बोझ हैं या वे प्यार या खुशी के लायक नहीं हैं।

(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)


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Bhawna Choubey

Bhawna Choubey

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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