क्या आप मोटे हैं! सिर्फ BMI से तय नहीं हो सकता मोटापा, जानिए क्या कहती है नई रिपोर्ट

अगर आपको लगता है कि आपका वजन ज्यादा है और इसके लिए आप अब तक बॉडी मास इंडेक्स को ही मापदंड मानते आए हैं, तो हाल ही में आई ये रिपोर्ट आपके काम की हो सकती है। Lancet Global Commission की इस रिपोर्ट के अनुसार मोटापे का माप जातीयता और अलग अलग देश की स्थितियों के आधार पर होना चाहिए। कोई व्यक्ति मोटा है या नहीं, ये तय करने के लिए रिपोर्ट नए तरीके अपनाने की वकालत करती है।

Shruty Kushwaha
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The Lancet Global Commission Report : मोटापा..बढ़ता वजन आज के समय में एक बड़ी समस्या है। आमतौर पर किसी व्यक्ति का वजन ज्यादा है या नहीं, इसके लिए बीएमआई (BMI) को मापदंड माना जाता है। लेकिन हाल ही ‘लैंसेट ग्लोबल कमीशन’ ने मोटापे के आकलन के लिए नए दृष्टिकोण की सिफारिश की है।

अब तक, मोटापे का मूल्यांकन बॉडी मास इंडेक्स  के माध्यम से किया जाता है। लेकिन इस रिपोर्ट के मुताबिक यह तरीका पूरी तरह सटीक नहीं माना जा सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि मोटापे का सही आकलन करने के लिए शरीर में वसा के वितरण पर भी ध्यान देना आवश्यक है, खासकर पेट के आसपास जमा वसा पर।

क्या कहती है Lancet Global Commission Report

आजकल मोटापे का आकलन करने के लिए जो मानक इस्तेमाल किए जा रहे हैं, क्या वे पूरी तरह सही हैं? यह सवाल विशेषज्ञों के बीच उठ रहा है। Lancet Global Commission की रिपोर्ट के अनुसार, जिस तरह से बड़ी संख्या में लोगों को मोटापे का शिकार बताया जा रहा है, उसके संदर्भ में एक स्पष्ट और विस्तृत परिभाषा की आवश्यकता महसूस हो रही है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि मोटापे की समस्या का एक प्रमुख कारण BMI की वर्तमान परिभाषा है। उदाहरण के लिए यूरोपीय देशों में यदि किसी का BMI 30 से अधिक होता है तो उसे मोटा माना जाता है। लेकिन अन्य देशों के लिए BMI के मानक अलग हो सकते हैं, क्योंकि जातीय विविधता के आधार पर मोटापे का जोखिम अलग-अलग होता है। इस अंतर को देखते हुए, विशेषज्ञों का मानना है कि प्रत्येक देश के लिए अलग मानक निर्धारित किए जाने चाहिए।

75 से अधिक चिकित्सा संगठनों ने किया समर्थन

यह सुझाव एक अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की टीम ने दिया है, जिसमें भारत के विशेषज्ञ भी शामिल हैं। हाल ही में ये रिपोर्ट ‘लैंसेट डायबिटीज एंड एंडोक्रिनोलॉजी’ (The Lancet Diabetes and Endocrinology) जर्नल में प्रकाशित हुई है। इसे ऑल इंडियन एसोसिएशन फॉर एडवांसिंग रिसर्च इन ओबेसिटी सहित 75 से अधिक चिकित्सा संगठनों ने अपना समर्थन दिया है। रिपोर्ट में मोटापे के निदान के लिए एक नया और विस्तृत दृष्टिकोण प्रस्तुत किया गया है, जिससे गलत वर्गीकरण के जोखिम को कम किया जा सकेगा।


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Shruty Kushwaha

Shruty Kushwaha

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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