Parenting Tips: क्या आपके बच्चे में भी है कॉन्फिडेंस की कमी, सिखाएं ये बातें, जिंदगी के हर पड़ाव को करेगा आसानी से पार

Parenting Tips: बच्चे का कम आत्मविश्वास और प्रेरणा की कमी चिंता का विषय हो सकता है। लेकिन चिंता न करें, आप सकारात्मक आत्म-चर्चा सिखाकर इन कमियों को दूर करने में उनकी मदद कर सकते हैं।

Bhawna Choubey
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Parenting Tips: हर माता-पिता अपने बच्चों की अच्छी से अच्छी परवरिश करते हैं और हमेशा यही चाहते हैं कि उनका बच्चा पढ़ लिख कर आगे बढ़े और खूब तरक्की करें। लेकिन जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते हैं वैसे-वैसे उन्हें जिंदगी के कई पड़ाव से गुजरना पड़ता है। कभी-कभी ऐसी स्थिति भी आती है कि आपका बच्चा खुद को कमजोर या फिर नेगेटिव समझ सकता है। ऐसे में माता-पिता के लिए यह बहुत जरूरी है कि वह बच्चों को हर पड़ाव पर आत्मविश्वास दें, बच्चों पर विश्वास जताए और उन्हें सेल्फ पॉजिटिव टॉक करना सिखाएं। जैसे-जैसे बच्चे बड़े होते हैं वैसे-वैसे उन्हें जिंदगी के कई फैसले लेने पड़ते हैं, ऐसे में बहुत जरूरी है कि बच्चों में आत्मविश्वास भरपूर हो, साथ ही साथ वह हर स्थिति में खुद को पॉजिटिव महसूस करें, इसी के चलते आज हम आपको इस लेख के द्वारा बताएंगे कि आप अपने बच्चों को कैसे कॉन्फिडेंस और मोटिवेशन दे सकते हैं, साथ ही साथ कैसे उन्हें पॉजिटिव सेल्फ टोक करना सिखाएं, तो चलिए जानते हैं।

बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ाएं

हम सब अपने जीवन में अनेकों चुनौतियों का सामना करते हैं। कभी हार मानने का मन करता है, कभी आत्मविश्वास डगमगाने लगता है। ऐसे समय में, सकारात्मक आत्म-चर्चा (positive self-talk) एक शक्तिशाली हथियार बन सकती है। यह खुद से बात करने का एक तरीका है जो हमें प्रोत्साहित करता है, हमें प्रेरित करता है और हमारे मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है।

यह कैसे काम करता है?

जब हम खुद से सकारात्मक बातें करते हैं, तो हम अपने मस्तिष्क को सकारात्मक विचारों की ओर केंद्रित करते हैं। यह नकारात्मक विचारों को दूर करने और आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद करता है। सकारात्मक आत्म-चर्चा हमें अपनी क्षमताओं पर विश्वास करने और कठिन परिस्थितियों का सामना करने की शक्ति प्रदान करती है।

बच्चों के लिए क्यों ज़रूरी है?

बच्चों में आत्मविश्वास का विकास उनके जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह उन्हें अपनी क्षमताओं को पहचानने, लक्ष्य निर्धारित करने और उन्हें प्राप्त करने में मदद करता है। सकारात्मक आत्म-चर्चा बच्चों को आत्मविश्वास, लचीलापन और आशावादी दृष्टिकोण विकसित करने में मदद कर सकती है।मैं यह कर सकता हूँ”, “मैं स्मार्ट हूँ”, “मैं अच्छा हूँ” जैसे वाक्य बार-बार बोलें। जब नकारात्मक विचार आएं, तो उन पर सवाल उठाएं और उन्हें सकारात्मक विचारों से बदलें। अपनी सफलताओं, चाहे वे कितनी भी छोटी क्यों न हों, उनका जश्न मनाएं। उन चीजों के लिए आभारी रहें जो आपके पास हैं। दूसरों से सकारात्मक बातें करें और उन्हें प्रोत्साहित करें।

बच्चों के मन से डर कैसे हटाएं

बच्चों का आत्मविश्वास उनके जीवन में सफलता और खुशी के लिए महत्वपूर्ण है। अपने बच्चे को हर दिन अपने बारे में 5 सकारात्मक बातें लिखने के लिए प्रोत्साहित करें। यह उन्हें अपनी ताकत और उपलब्धियों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करेगा। आप इस गतिविधि को और भी मजेदार बना सकते हैं, इसे एक साथ करके और फिर एक-दूसरे की सूचियों को साझा करके। अपने बच्चे को उनके डर का सामना करने के लिए प्रोत्साहित करें। यदि उन्हें कक्षा में बोलने से डर लगता है, तो उन्हें घर पर दर्पण के सामने बोलने का अभ्यास करने के लिए प्रेरित करें। धीरे-धीरे उन्हें अपने डर का सामना करने में मदद करें, और उनकी प्रगति का जश्न मनाएं।

बच्चों को उनका पोटेंशिअल बताएं

बच्चों के जीवन में तारीफ बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने, उन्हें प्रेरित करने और उन्हें बेहतर बनाने में मदद करती है। जब आप अपने बच्चे की तारीफ करते हैं, तो आप उन्हें बता रहे होते हैं कि आप उनके काम और प्रयासों को महत्व देते हैं। यह उन्हें अपनी क्षमताओं पर विश्वास करने और अधिक आत्मविश्वास महसूस करने में मदद करता है। तारीफ बच्चों को बेहतर करने और नई चीजें सीखने के लिए प्रेरित करती है। जब वे जानते हैं कि आप उनके प्रयासों को देखेंगे और सराहेंगे, तो वे कड़ी मेहनत करने और सफल होने की अधिक संभावना रखते हैं। तारीफ बच्चों में सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने में मदद करती है। जब वे अपनी सफलताओं पर ध्यान केंद्रित करते हैं, तो वे अधिक खुश और आशावादी महसूस करते हैं। जब बच्चे असफल होते हैं, तो उन्हें हतोत्साहित और निराश महसूस करना स्वाभाविक है। लेकिन अगर आप उनकी कोशिशों की तारीफ करते हैं, तो आप उन्हें सिखा रहे हैं कि असफलता का मतलब हार नहीं है। यह उन्हें सीखने और बढ़ने के लिए प्रेरित करेगा।

Disclaimer- यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। इनके सत्य और सटीक होने का दावा MP Breaking News नहीं करता।


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Bhawna Choubey

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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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