Parenting Tips: बड़ों का यह कहना कि बच्चे पालना बच्चों का काम नहीं है, बेकार नहीं है। आज के दौर में बच्चे पालना बहुत मुश्किल काम हो गया है। पहले के समय में सिर्फ बच्चों की जरूरतें पूरी करना ही काफी था, लेकिन आज के बच्चे बहुत संवेदनशील और हाइपरएक्टिव होते हैं। उनकी हर बात का खयाल रखना और उन्हें सही तरीके से पालना बहुत ज़रूरी है। नहीं तो छोटी सी गलती भी बड़ी समस्या बन सकती है। आइए जानते हैं कुछ गोल्डन रूल्स, जिनसे आप अपने बच्चों की बेहतर परवरिश कर सकते हैं।
बच्चों की परवरिश एक ज़िम्मेदारी है, लेकिन यह एक टास्क नहीं होना चाहिए। यह एक ऐसा अनुभव होना चाहिए, जिसका आप आनंद उठाएं और जिसमें आप अपने बच्चों के साथ जिंदगी के असल रंगों को जी सकें। अगर आप इसे एक टास्क के रूप में देखेंगे, तो शायद ही आप अपने बच्चों की बेहतर परवरिश कर पाएंगे। तो आइए जानते हैं कुछ बातें, जिनका आपको अपने बच्चों की देखभाल और परवरिश करते वक्त ध्यान रखना चाहिए:
1. प्यार और स्नेह
अपने बच्चों को बहुत प्यार और स्नेह दें। उन्हें गले लगाएं, चुंबन करें, और उनसे खुले दिल से बातें करें। उन्हें एहसास दिलाएं कि आप उनके साथ हैं और उनकी हर बात सुनने के लिए तैयार हैं।
2. संवाद
अपने बच्चों से खुले दिल से बातें करें। उनकी बात ध्यान से सुनें और उनकी भावनाओं को समझने की कोशिश करें। उन्हें सही और गलत के बीच फर्क समझाएं और उनके निर्णय लेने में मदद करें।
3. अनुशासन
अपने बच्चों को अनुशासन सिखाना बहुत ज़रूरी है। लेकिन यह सजा देकर नहीं, बल्कि प्यार और समझदारी से करें। उन्हें नियमों का पालन करने और अपनी ज़िम्मेदारियों को समझने में मदद करें।
4. शिक्षा
अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देना बहुत ज़रूरी है। उन्हें पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करें और उनकी रुचि के अनुसार विकास में मदद करें। उन्हें जीवन में सफल होने के लिए ज़रूरी कौशल सिखाएं।
5. बच्चों पर दबाव डालना गलत है
बच्चों पर दबाव डालना गलत है। उन्हें वह काम करने के लिए मजबूर नहीं करना चाहिए जो उन्हें पसंद नहीं है। किसी भी चीज के लिए उनपर दबाव बनाना गलत होगा। उन्हें किसी भी काम के लिए मजबूर न करें, बल्कि उन्हें विकल्प दें और उन्हें खुद चयन करने का मौका भी दें। बच्चों की पसंद और फैसलों का सम्मान किया जाना चाहिए और माता-पिता को अपनी पसंद उन पर नहीं थोपनी चाहिए।
6. बच्चे की तुलना करना गलत है
किसी से अपने बच्चे की तुलना करना गलत है। बच्चों को हमेशा उत्साहित करते रहना चाहिए। उन्हें किसी अन्य बच्चे से तुलना करना पेरेंटिंग के नियमों के खिलाफ है। बच्चों के बीच तुलना करना आपके बच्चे के आत्मविश्वास और आत्म-सम्मान को ठेस पहुंचा सकता है। अगर आप अपने बच्चों से कहते हैं कि “तुम बेहतर नहीं हो”, “तुमसे अच्छा तो वो है”, “तुमसे अच्छा तो वह कर लेता है”, तो आप बच्चे को हतोत्साहित करते हैं और इससे बच्चे आपके काफी निराश हो जाते हैं और उनका किसी भी चीज में मन नहीं लगेगा। इसके बजाय, अपने बच्चे की उपलब्धियों की सराहना करें। उन्हें उनकी खूबियों के बारे में बताएं और उन्हें अपनी पसंद और रुचियों का पीछा करने के लिए प्रोत्साहित करें। उन्हें गलतियाँ करने दे और उनसे सीखने में मदद करें। याद रखें, हर बच्चा अलग होता है और उसकी अपनी गति से सीखता है। अपने बच्चे पर विश्वास करें और उन्हें सफल होने के लिए ज़रूरी समर्थन दें।
(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)