Parenting Tips: गलती करने पर बच्चों को डांट से नहीं बल्कि प्यार से सिखाएं ये चीजें, बिना फटकार के ऐसे बनाएं जिम्मेदार

Parenting Tips: बच्चे जिज्ञासु होते हैं और गलतियां करते हैं। गलतियों से सीखना ही जीवन का तरीका है। लेकिन बच्चों को गलती की सजा कैसे दें, यह एक बड़ा सवाल है।

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Parenting Tips: जब कभी भी बच्चों से कोई भी गलती होती है तो माता-पिता उन्हें डांटने और फटकारने लगते हैं कई बार तो हाथ भी उठा देते हैं। बच्चों को अपनी गलती का एहसास करवाने का यह सबसे बड़ा और गलत तरीका है। गलती न सिर्फ बच्चे बल्कि सभी से हो सकती है। इसलिए जब कभी भी बच्चों से गलती होती है तो उन्हें डांटने फटकारने और मारने की वजह प्यार से समझाना सबसे अच्छा उपाय है। डांटना-मारना बच्चों में डर पैदा कर सकता है, नकारात्मकता ला सकता है, और उनका आत्मविश्वास कम कर सकता है। यहां बच्चों को गलती की सजा देने का एक नया तरीका बताया गया है, जो उन्हें जीवन भर याद रहेगी और डांटने-मारने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

बच्चों को कैसे उनकी गलती का एहसास करवाएं

1. गलती को समझाएं

सबसे पहले, बच्चे को शांत तरीके से समझाएं कि उसने क्या गलती की है। उसे गलती के परिणामों के बारे में भी बताएं। अक्सर जब कभी भी बच्चों से गलती होती है तो माता-पिता उन्हें चिल्लाने लगते हैं क्या डांटना लगते हैं। ऐसा करने से बच्चे सब जाते हैं और उनके अंदर डर बैठ जाता है। अगर आप चाहते हैं कि आपके बच्चों को उनकी गलती का एहसास हो तो आपको उन्हें प्यार से समझाना चाहिए।

2. जिम्मेदारी सौंपें

बच्चे को गलती सुधारने की जिम्मेदारी सौंपें। इससे उसे अपनी गलती का एहसास होगा और वह भविष्य में गलती करने से बचने की कोशिश करेगा। जब कभी भी बच्चा गलती करता है तो कभी कभार माता-पिता उनकी गलती को बहुत ज्यादा ही हल्के में ले लेते हैं लेकिन अगर आप अपने बच्चों को उनकी गलती का एहसास करने चाहते हैं तो उन्हें जिम्मेदारी सौंपी। ऐसे में जब कभी भी बी गलती करेंगे तो उन्हें अपनी जिम्मेदारी याद आ जाएगी।

3. परिणामों का सामना करना सिखाएं

बच्चे को सिखाएं कि गलतियों के परिणाम होते हैं। यदि बच्चे ने कोई गंभीर गलती की है, तो उसे परिणामों का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। ऐसे में जब कभी भी बच्चा कोई भी गलती करेगा तो उसे परिणाम याद रहेंगे। लेकिन इसका यह मतलब बिल्कुल भी नहीं है कि अगर बच्चे से कोई गलती होती है तो आप उसे दंडित करें।

4. क्षमा मांगने के लिए प्रोत्साहित करें

बच्चे को गलती के लिए माफी मांगने के लिए प्रोत्साहित करें। इससे उसे अपनी गलती का एहसास होगा और वह भविष्य में गलती करने से बचने की कोशिश करेगा। आजकल बच्चों को सॉरी बोलना बहुत बड़ा और भारी कम लगता है। अगर आप चाहते हैं कि गलती करने पर आपका बच्चा सॉरी बोल तो आपको भी अपनी गलती के बाद सॉरी बोलना होगा। जब आप बड़े होकर गलती करते हैं और सॉरी नहीं बोलते हैं तो बच्चे को भी गलती करने के बाद सॉरी बोलना जरूरी नहीं लगता है।

इन बातों का ध्यान रखें

  • बच्चे की उम्र और समझदारी को ध्यान में रखकर सजा दें।
  • बच्चे को डराना या धमकाना न।
  • बच्चे को शारीरिक रूप से दंडित न करें।
  • बच्चे को गलती के लिए अपमानित न करें।
  • बच्चे को गलती सुधारने का मौका दें।
  • यह तरीका बच्चों को गलतियों से सीखने में मदद करेगा और उन्हें जीवन भर याद रहेगा। डांटने-मारने की जरूरत नहीं पड़ेगी और बच्चे सकारात्मक तरीके से विकसित होंगे।

    (Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं। मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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