समसप्तक राजयोग से चमक उठेगा 3 राशियों का भाग्य, हर काम में सफलता, नौकरी-व्यापार में नए अवसर, आकस्मिक धन लाभ के योग

ज्योतिष के अनुसार, जब दो ग्रह आमने-सामने आते हैं या जब भी कोई दो ग्रह एक दूसरे से सातवें स्थान पर होते हैं, तब उन ग्रहों के बीच समसप्तक राजयोग बन जाता है।

Pooja Khodani
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Samsaptak Rajyog 2025 : ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों, राशियों ,कुंडली और नक्षत्र का बड़ा महत्व माना जाता है। खास करके ग्रहों के सेनापति और ग्रहों के राजा सूर्य की भूमिका को ज्योतिष में बेहद अहम माना गया है। सूर्य देव को मान-सम्मान, प्रतिष्ठा, पिता का कारक माना जाता है। वही मंगल को साहस, पराक्रम, ऊर्जा और शौर्य का कारक माना जाता है। जहां मंगल एक राशि से दूसरी राशि में जाने के लिए 45 दिन का समय लेते है, वही सूर्य हर माह एक राशि से दूसरी राशि में गोचर करते है।

पंचांग के अनुसार, ग्रहों के राजा सूर्य ने 14 जनवरी 2025 को मकर राशि में प्रवेश किया है, जहां वे फरवरी तक रहेंगे। वर्तमान में मंगल कर्क राशि में विराजमान है, ऐसे में दोनों ग्रह एक-दूसरे से सातवें भाव पर स्थित है, जिसके कारण समसप्तक राजयोग का निर्माण हो रहा है।आइए जानते हैं मंगल-सूर्य से बना समसप्तक राजयोग किन राशियों के लिए लकी साबित होगा।

Samsaptak Rajyog: राशियों पर कैसा रहेगा प्रभाव

कन्या राशि:  मंगल सूर्य की युति और समसप्तक राजयोग जातकों के लिए लकी साबित हो सकता है। हर क्षेत्र में अपार सफलता हासिल हो सकती है। आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। करियर में नए अवसर मिलेंगे।इस अवधि में पैतृक संपत्ति के साथ सट्टेबाजी से लाभ मिल सकता है।  लव लाइफ अच्छी रहेगी।

धनु राशि: समसप्तक राजयोग जातकों के लिए फलदायी सिद्ध हो सकता है। जीवन में कई खुशियों की दस्तक हो सकती है। सूर्य और मंगल का आर्शीवाद मिलेगा। हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।करियर में सफलता मिलेगी। पैतृक संपत्ति का लाभ मिल सकता है। नौकरी के नए अवसर मिल सकते हैं। सट्टेबाजी या फिर पारिवारिक व्यापार में खूब मुनाफा मिल सकता है। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा।

वृश्चिक राशि: मंगल सूर्य की युति और समसप्तक राजयोग जातकों के लिए वरदान के कम साबित नही होगा।  भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। धार्मिक कार्यों में रूचि बढ़ेगी। नौकरीपेशा जातकों को कोई बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है।  व्यापार में तरक्की मिलेगी। मंगल का आर्शीवाद भी प्राप्त करेंगे। वाहन या प्रॉपर्टी खरीदने के योग बन सकते है।

कुंडली में कब बनता है समसप्तक राजयोग

ज्योतिष के अनुसार, जब दो ग्रह आमने-सामने आते हैं या जब भी कोई दो ग्रह एक दूसरे से सातवें स्थान पर होते हैं, तब उन ग्रहों के बीच समसप्तक राजयोग बन जाता है।वैसे तो समसप्तक एक शुभ योग होता है लेकिन इसका फल इस बात पर निर्भर करता है कि यह किन ग्रहों की युतियों, किन लग्न और किन-किन ग्रह योगों से बन रहा है।ग्रहों की स्थिति सकारात्मक होने पर यह अत्यधिक शुभ हो सकता है और जातकों को धन, सफलता और प्रसिद्धि प्रदान करता है।

(Disclaimer : यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं, ज्योतिष, पंचांग, धार्मिक ग्रंथों और जानकारियों पर आधारित है, MP BREAKING NEWS किसी भी तरह की मान्यता-जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। हमारा उद्देश्य महज सूचना पहुंचाना है।इसके सही और सिद्ध होने की प्रामाणिकता नहीं दे सकते हैं। इन पर अमल लाने से पहले अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित से संपर्क करें)


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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