पोषक तत्वों की कमी से भी ज्यादा गुस्सा और चिड़चिड़ेपन का शिकार होते हैं लोग, दूर करने के लिए अपनाएं ये फूड्स

Shashank Baranwal
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Anger Issue: आजकल दौड़भाग भरी जिंदगी में और खराब खानपान की वजह से इंसान में कई बदलाव हो रहे हैं। लोगों में चिड़चिड़ापन और गुस्सा देखने को मिलता हैं। कभी कभी ये काम का प्रेशर होता है तो कभी हमारे शरीर में पोषक तत्वों की कमी के कारण भी गुस्सा और चिड़चिड़ापन तेज हो जाता है। आइए जानते हैं कि ऐसे कौन से पोषक तत्व हैं जिनकी कमी से चिड़चिड़ापन और गुस्सा ज्यादा आने लगता है। आइए जानते हैं कि शरीर में कौन कौन से पोषक तत्वों की कमी के कारण इंसानों में गुस्सा और चिड़चिड़ापन नजर आता है।

विटामिन बी 6

विटामिन बी 6 शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है। इसके सेवन से दिमाग ठीक तरह से काम करता है। यह दिमाग के लिए ब्रेन केमिकल के रूप में होता है। वहीं अगर आप चाहते हैं कि आपका दिमाग बेहतर ढंग से काम करे तो इसकी कमी शरीर में नहीं होनी चाहिए। अगर शरीर में इसकी कमी पाई जाएगी तो इंसान ज्यादा गुस्सा होने लगता है। साथ ही उसमें चिड़चिड़ापन भी देखने को भी मिलता है।

विटामिन बी 12

शरीर में विटामिन बी 12 कमी से थकान, कमजोरी जैसा महसूस होने लगता है। वहीं इसकी कमी के कारण इंसान अवसाद (डिप्रेशन) जैसी हालातों का सामना करने लगता है। ऐसे में व्यक्ति न चाहते हुए भी गुस्सा और चिड़चिड़ा हो जाता ह।

जिंक

शरीर में जिंक भी एक जरूरी पोषक तत्व होता है। जो कि इंसान के मानसिक स्वास्थ्य को सही रखने में मदद करता है। ऐसे में अगर इसकी कमी होगी तो इंसान चिड़चिड़ा. गुस्सा, एंग्जायटी जैसी स्थिति से गुजरने लगता है।

मैग्नीशियम

इसके साथ ही शरीर में मैग्नीशियम की कमी होने पर भी मानसिक स्वास्थय पर बुरा असर पड़ता है। ऐसे में इसकी कमी से इंसान ज्यादा चिड़चिड़ा और गुस्सा होने लगता है।

इनकी कमी को पूरा करने के लिए अपनाएं फूड्स

शरीर में ऊपर लिखे गए पोषक तत्वों की कमी से इंसानो को समस्याएं होने लगती है। ऐसे में शाकाहारी भोजन करने वाले इंसान को हरी सब्जियां, ब्रोकली और अंकुरित अनाज खान चाहिए। वहीं जो इंसान मांसाहारी है वह मीट, मछली खा सकेत हैं।

(Disclaimer: यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता है। अमल में लाने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।)


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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