गुड़हल के पौधे फिर से हरे-भरे कैसे बनाएं? जानिए इन खास खाद और स्प्रे के उपाय

Plant Care: अगर आपके गुड़हल के पौधे सूखे और मुरझाए हुए हैं, तो चिंता की बात नहीं है। कुछ आसान और असरदार उपायों से आप अपने गुड़हल को फिर से हरा-भरा और स्वस्थ बना सकते हैं।

Bhawna Choubey
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गुड़हल के पौधे फिर से हरे-भरे कैसे बनाएं? जानिए इन खास खाद और स्प्रे के उपाय

Plant Care: गुड़हल के फूल अपने खूबसूरती और खास महक के लिए मशहूर है जिन्हें लोग अपनी बगिया में मिला हुआ देखना बहुत पसंद करते हैं। यह फूलना केवल बगीचे की शोभा बढ़ाते हैं बल्कि धार्मिक और औषधीय उपयोग में भी काम आते हैं।

हालांकि, सही देखभाल की कमी के कारण कई बार गुड़हल के पौधे मुरझाने लगते हैं। इनकी अच्छी वृद्धि के लिए नियमित पानी उचित धूप और सही खाद का ध्यान रखना जरूरी होता है। सही देखभाल से गुड़हल के पौधे पूरे साल हरे भरे और फूलों से लदे रहते हैं। आज हम आपके लेख के द्वारा बताएंगे कि आप अपने गुड़हल के पौधों की देखभाल किस तरह कर सकते हैं।

केले और प्याज के छिलकों से बनी खाद

पौधों की बेहतर वृद्धि और सुरक्षा के लिए घर पर ही एक प्राकृतिक खाद तैयार की जा सकती है। आधा लीटर पानी में केले और प्याज के छिलके डालें जिससे पौधों को पोषण मिल सके। इसके बाद नीम की कुछ पत्तियों से रस निकालकर उसमें एक चम्मच नीम का रस मिलाएं, जो कीटों और फंगस से बचाने में मदद करता है। इसमें आधा लीटर चावल का पानी और आधी चम्मच इस्तेमाल की हुई चाय पत्ती मिलाएं। यह मिश्रण पौधों के लिए एक प्रभावी जैविक खाद बनाता है, जो उन्हें स्वस्थ और हरा भरा बनाए रखने में मदद करता है।

इस तरह करें तैयार

इसके बाद इस बर्तन को ढककर किसी अंधेरी जगह पर 5 दिनों के लिए रख दें। कुछ दिनों के बाद यह मिश्रण खाद के रूप में तैयार हो जाएगा। अब आपको इस लिक्विड को छानकर अलग कर लेना है। इस तैयार खाद को आप अपने गुड़हल के पौधे में डाल सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले पौधे की जड़ों के पास की मिट्टी को हल्का सा खोदकर ढीला कर लें। इस लिक्विड को धीरे-धीरे पौधों के पास डालें। इससे पौधे को जरूरी पोषण मिलेगा और वह स्वस्थ और हरे भरे रहेंगे।

इस तरह करें स्प्रे तैयार

गुड़हल के पौधों की सुरक्षा और अच्छी वृद्धि के लिए एक आसान और प्रभावी स्प्रे तैयार किया जा सकता है। इसके लिए एक लीटर पानी में दो-तीन बूंद नीम का तेल कोको पाउडर चावल का पानी और केले का पानी मिलाएं। इस मिश्रण को बोतल में भरकर हर तीन दिन में गुड़हल के पत्तियों पर स्प्रे करें। यह स्प्रे पौधों को बॉक्स और छोटे कीड़ों से बचाता है, जिससे वह पौधों में अपना घर नहीं बना पाते हैं और पौधों को नुकसान नहीं होता है। केले के छिलके में मौजूद पोटैशियम पौधों को जरूरी पोषक तत्व प्रदान करता है, जबकि चावल का पानी भी पौधों के लिए बहुत फायदेमंद होता है, जिससे उनकी वृद्धि और सेहत बेहतर होती है।


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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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