Plant Care: मानसून का मौसम, पेड़-पौधों के लिए नई जान लाता है। बारिश का पानी धरती को सींचता है, बीजों को अंकुरित करता है और हरियाली को बढ़ावा देता है। लेकिन, इसी के साथ, यह मौसम कई तरह के कीटों और बीमारियों को भी साथ लाता है। इसलिए, बरसात के मौसम में पौधों की उचित देखभाल करना बहुत ज़रूरी होता है। यहां 10 टिप्स दिए गए हैं जो आपको बरसात के मौसम में अपने पौधों को स्वस्थ रखने में मदद करेंगे।
बारिश का मौसम पेड़-पौधों के लिए जीवनदायिनी होता है, लेकिन ज़्यादा लाड़ भी नुकसान पहुंचा सकता है। प्राकृतिक बारिश ही पौधों को काफी हद तक सींच देती है, ऊपर से और पानी देने से जड़ें सड़ सकती हैं। इसलिए मानसून में मिट्टी की नमी पर ध्यान दें, सूखे ही पानी दें। थोड़ा धैर्य रखें, ज़रूरत से ज्यादा प्यार पौधों को नुकसान पहुंचा सकता है।
कीटनाशक स्प्रे
मानसून का हरापन खुशियां लाता है, पर ला सकता है कीट-पतंगों की भरमार भी। ज्यादा नमी स्लग, चींटी, घोंघे जैसे कीटों को पनपाती है, साथ ही फफूंदी और कवक रोगों को भी दावत देती है। ये नन्हें दुश्मन नाज़ुक सीडलिंग्स से लेकर बड़े पौधों तक को नुकसान पहुंचा सकते हैं। घबराने की ज़रूरत नहीं। हफ्ते में एक बार नीम का प्राकृतिक कीटनाशक स्प्रे पौधों को सुरक्षित रखेगा और हरापन को बनाए रखने में मदद करेगा।
प्रूनिंग
मानसून की बारिश पौधों को तर करती है, पर जंगल भी उगा देती है! बेकार की टहनियां और पत्तियां बढ़कर न केवल पोषक तत्व हथिया लेती हैं, बल्कि बीमारियों का घर भी बन जाती हैं। मानसून में हल्की प्रूनिंग न सिर्फ आपके गमलों को मनचाहा आकार देगी, बल्कि नई टहनियों को बढ़ावा देकर पौधों को स्वस्थ और मजबूत बनाएगी। बस ध्यान दें, औजार साफ रखें और बीमार पत्तियां हटाने के बाद इन्हें कीटाणुरहित करें।
गोबर की खाद
मानसून की बारिश खुशियां लाती है, पर मिट्टी के पोषक तत्व भी बहा ले जाती है। कमज़ोर पौधों के लिए ये परेशानी का सबब बन सकता है। घबराने की ज़रूरत नहीं, जैविक खाद और गोबर की खाद जैव पोषक तत्वों का खजाना हैं। ये मिट्टी को उपजाऊ बनाते हैं और पौधों को धीरे-धीरे पोषण देते हैं। तेज़ ग्रोथ के लिए फोलियर स्प्रे भी फायदेमंद है। सही पोषण से बरसात पौधों के लिए तरक्की का मौसम बन जाएगा।