Planting Tips: ताज़े नींबू का स्वाद पाएं साल भर, पॉलीथिन में उगाएं पौधा, जानें तरीका

Planting Tips: नींबू का पौधा सिर्फ गमले और जमीन पर ही नहीं बल्कि, पॉलीथिन में भी आसानी से उगाया जा सकता है। यह तरीका खासकर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जिनके पास जगह कम है या जो गमले में मिट्टी का वजन नहीं उठा सकते।

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Planting Tips: क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि आपके घर की खिड़की से ताज़े नींबू की मीठी खुशबू आ रही हो और आप जब चाहें उतने ताज़े नींबू का इस्तेमाल कर सकें? यह सपना अब मुश्किल नहीं रहा है। आप गमले में भी आसानी से नींबू का पौधा उगा सकते हैं और साल भर ताज़े नींबू का स्वाद चख सकते हैं। नींबू का पौधा सिर्फ बगीचों या खेतों में ही नहीं, आपके घर के गमले में भी उगाया जा सकता है। यह न केवल आपके घर को हरा-भरा बनाएगा, बल्कि ताज़े नींबू का भी निरंतर स्रोत प्रदान करेगा। यह तो बात है कि गमले में नींबू उगाना आसान है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आप ग्रो बैग में भी नींबू का पौधा उगा सकते हैं? जी हाँ, यह बिल्कुल संभव है। एग्रो बैग न सिर्फ कम जगह घेरते हैं, बल्कि हवा का अच्छा प्रवाह भी देते हैं, जो नींबू के पौधे के लिए बेहद फायदेमंद होता है।

पॉलीथिन में नींबू का पौधा उगाने के फायदे

पॉलीथिन की थैली कम जगह घेरती है, इसलिए इसे आसानी से घर के अंदर या बाहर रखा जा सकता है। पॉलीथिन की थैली और मिट्टी आसानी से और कम खर्च में मिल जाती है। नींबू का पौधा अपेक्षाकृत कम देखभाल वाला होता है। घर पर उगाए गए नींबू रासायनिक उर्वरकों से मुक्त होते हैं और इनमें अधिक स्वाद और पोषक तत्व होते हैं।

आवश्यक सामग्री:

पॉलीथिन की थैली (कम से कम 10 लीटर क्षमता वाली)
मिट्टी
गोबर की खाद
रेत
नींबू का बीज या पौधा
पानी
छेदक

विधि:

1. सबसे पहले, पॉलीथिन की थैली के तल में 4-5 छेद करें। इससे पानी निकल सकेगा और जड़ें सड़ने से बचेंगी।
2. एक बाल्टी में 2 भाग मिट्टी, 1 भाग गोबर की खाद और 1 भाग रेत को अच्छी तरह मिला लें।
3. यदि आप बीज से पौधा उगा रहे हैं, तो बीज को मिट्टी के मिश्रण में 1 इंच गहरा बोएं। यदि आप पौधा लगा रहे हैं, तो उसे मिट्टी में लगाकर हल्के से दबा दें।
4. मिट्टी को अच्छी तरह से गीला करें, लेकिन पानी जमा न होने दें।
5. पॉलीथिन की थैली को ऐसी जगह रखें जहाँ उसे दिन भर धूप मिले।
6. नियमित रूप से पानी देते रहें और मिट्टी की नमी बनाए रखें। महीने में एक बार खाद डालें।
7. जैसे-जैसे पौधा बड़ा होगा, उसे थोड़ा और मिट्टी का मिश्रण डालकर ऊंचाई बढ़ाते रहें।

 


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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