खोई ऊर्जा को वापस दिला सकता है ‘पावर नैप’, जानें इसके फायदे

Shashank Baranwal
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Power Nap

Power Nap Benefits: आजकल की भाग दौड़ भरी जिंदगी में लोग अपने लिए बहुत ही कम टाइम निकाल पाते हैं। कई बार ऐसा होता है कि वह ऑफिस और पारिवारिक काम में इस कदर उलझ जाते हैं कि खुद पर ध्यान देने के लिए उनके पास टाइम ही नहीं रहता। ऐसे में उनकी एनर्जी अचानक से डाउन हो जाती है और वह टाइम पर अपने काम को पूरा नहीं कर पाते। खासकर सर्दी के दिनों में यह बहुत बड़ी चुनौती होती है, क्योंकि इस मौसम में वर्कलोड के साथ नींद भी पूरी कर पाना बहुत मुश्किल होता है। तो चलिए आज के आर्टिकल में हम आपको इन दिक्कतों से छुटकारा दिलाने के लिए पावर नैप के बारे में बताते हैं। जिसकी मदद से आप खुद को फ्रेश महसूस कर सकते हैं। इससे न केवल शरीर में फुर्ती देखने को मिलेगी, बल्कि आप पूरे दिन तारोताजा नजर आएंगे। तो चलिए जानते हैं पावर नैप के फायदे।

जानिए क्या है पावर नैप?

पावर नैप एक छोटी-सी नींद की झपकी होती है, जिसे लोग दिनभर की थकान और थोड़ी सी आलसी माहौल में लेते हैं। इस नींद की अवधि 15 से 20 मिनट की होती है। यह नींद ताजगी और ऊर्जा को बढ़ावा देने में मदद करती है। लेकिन इसे आधे घंटे से ज्यादा लेना अच्छा नहीं होता।

पावर नैप के फायदे

पावर नैप लेने से शरीर को छोटा सा ब्रेक मिल जाता है जिससे आपकी एनर्जी रिस्टोर हो जाती है।

पावर नैप से आपकी मानसिक स्थिति एकदम फिट रहती है इससे सोशल और प्रोफेशनल लाइफ सही से चल पाती है।

पावर नैप लेने से शरीर में फुर्ती आती है, जिससे आप पहले की तुलना में और तेजी से उत्साह पूर्वक काम कर सकते हैं।

कुछ अध्ययनों के अनुसार, पॉवर नैप से मेमोरी और ध्यान में सुधार होता है।

(Disclaimer: यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता है।)


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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