Relationship Tips : हर रिश्ता प्यार, विश्वास, और भरोसे के आधार पर ही टिका होता है। ये तत्व किसी भी रिश्ते की नींव होते हैं, चाहे वह किसी भी प्रकार का रिश्ता हो। आजकल डेटिंग का प्रचलन भी इसी कारण बढ़ रहा है कि लोग एक-दूसरे को जान सकें, समझ सकें और उनके बीच विश्वास और प्यार का एक मजबूत आधार बना सकें। एक अच्छा रिश्ता जीवन को सुखद और समृद्ध बना सकता है। हालांकि, एक मजबूत और सुखद रिश्ते को बनाए रखने के लिए कोई निश्चित फॉर्मूला नहीं है। वहीं, साइकोलॉजी की रिसर्च के मुताबिक, एक स्वस्थ और मजबूत रिश्ते के लिए मुखरता और ईमानदारी बहुत महत्वपूर्ण हैं। चुप्पी या खुद को दबाने से रिश्ते को कोई फायदा नहीं होता, बल्कि इससे रिश्ते में समस्याएं बढ़ सकती हैं।
‘फोर्ब्स’ की साइकोलॉजिकल रिपोर्ट के अनुसार, आपसी संबंधों में अपनी सोच और जरूरतों को लेकर मुखर रहने वाले पार्टनर्स का रिश्ता ज्यादा मजबूत और मधुर होता है। मुखरता किसी भी रिश्ते की जान होती है, खासतौर से रोमांटिक और प्रोफेशनल रिश्तों में। पुराने दौर में जब पति-पत्नी एक-दूसरे से कम बातचीत करते थे और अपनी भावनाओं को व्यक्त करने से हिचकिचाते थे, तब रिश्ते में कई तरह की समस्याएं होती थीं।
मुखरता है जरूरी
- मुखर होने से कम्युनिकेशन गैप कम होता है।
- मुखरता से पार्टनर्स एक-दूसरे को बेहतर समझ पाते हैं।
- किसी एक पार्टनर को ज्यादा समझौता नहीं करना पड़ता।
- अपनी बात कहने में दिक्कत नहीं आती है।
- पार्टनर्स के मन में गुबार नहीं भरता, वो घुटते नहीं।
- भविष्य में बड़े झगड़े की आशंका कम होती है।
अपनाएं ये टिप्स
- रिश्ते में मुखर होने और अपने पार्टनर से अपनी बात बेबाकी से कहने से पहले खुद के साथ ईमानदारी से बैठना और विचार करना बेहद जरूरी है। इससे आप अपने मन की गहराई से समझ सकते हैं कि आपको अपने रिश्ते से क्या उम्मीदें हैं और आपका मन क्या चाहता है।
- शुरुआत छोटी और रोमांटिक बातों से करें। जैसे यदि आपके पार्टनर की कोई आदत आपको परेशान कर रही है, तो उसे सम्मानपूर्वक और सरल तरीके से बताएं। इस बात का ध्यान रखें कि आपके पार्टनर को किसी बात का बुरा न लगे।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)