Skin Care: प्राचीन काल से ही प्रकृति हमारे लिए अनगिनत उपचार समेटे हुए है। आयुर्वेद जैसी पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियां इन प्राकृतिक उपचारों का सदियों से सफलतापूर्वक इस्तेमाल कर रही हैं। ऐसे ही औषधीय गुणों से भरपूर पेड़ों में से एक है – सेमल का पेड़। इसकी खासियत यह है कि इसके विभिन्न भाग – पत्ते, फूल और छाल, सभी स्वास्थ्य के लिए लाभदायक माने जाते हैं। आज हम बात करेंगे सेमल की छाल की, जो त्वचा और बालों की खूबसूरती निखारने के साथ-साथ कई बीमारियों को दूर करने में भी मदद करती है।
“कपासी शीशम” के नाम से भी जानी जाने वाली सेमल की छाल त्वचा के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। यह प्राकृतिक उपचार सदियों से मुंहासों, दाग-धब्बों, और यहां तक कि घावों को भरने में भी कारगर साबित हुआ है। सेमल की छाल में मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण त्वचा की सूजन को कम करते हैं और मुहांसों को दूर रखते हैं। साथ ही, यह त्वचा के रंग को निखारने में भी मदद करती है।
खूबसूरत और बेदाग त्वचा के लिए करें उपयोग
1. मुहांसों और दाग-धब्बों के लिए
सेमल की छाल को सुखाकर पीसकर पाउडर बना लें। 1 चम्मच पाउडर में 1 चम्मच गुलाब जल (या दही/शहद) मिलाकर गाढ़ा पेस्ट बना लें। इस पेस्ट को चेहरे पर लगाएं, खासकर मुंहासों या दाग-धब्बों वाले क्षेत्रों पर। 15-20 मिनट सूखने दें। ठंडे पानी से चेहरा धो लें। सप्ताह में 2-3 बार करें इस्तेमाल।
2. रंग निखारने के लिए
1 मुट्ठी सेमल की छाल के टुकड़ों को पानी में डालकर उबालें। पानी को तब तक उबलने दें जब तक यह आधा न रह जाए। इस क्वाथ को ठंडा होने दें। रुई की बेल को इस क्वाथ में भिगोकर चेहरे को धोएं। वैकल्पिक रूप से, इस क्वाथ को स्प्रे बोतल में भरकर चेहरे पर स्प्रे करें। रोजाना 1 बार करें इस्तेमाल।
3. झुर्रियों के लिए
1/2 चम्मच सेमल की छाल का पाउडर, दही, और शहद (या एलोवेरा जेल) को अच्छी तरह मिलाकर गाढ़ा लेप बना लें। इस लेप को चेहरे और गर्दन पर लगाएं, खासकर झुर्रियों वाली जगहों पर। 20-25 मिनट सूखने दें। ठंडे पानी से चेहरा धो लें। सप्ताह में 2 बारकरें इस्तेमाल।
(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)