पूरा दिन Overthinking चलती है क्या करें? प्रेमानंद जी महाराज ने बताए आसान उपाय

अगर आपका दिमाग हर वक्त भागता रहता है, बेवजह की चिंताओं में उलझा रहता है और छोटी-छोटी बातों को लेकर भी सोचते रहते हैं, तो यह ओवरथिंकिंग की निशानी हो सकती है. ज्यादा सोचने की यह आदत मानसिक शांति छीन लेती है.

Bhawna Choubey
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प्रेमानंद महाराज (Premanand Maharaj) जी एक प्रसिद्ध धार्मिक गुरू और आध्यात्मिक शिक्षक हैं, जिनकी शिक्षाएं लाखों लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाती है. सोशल मीडिया पर उनकी वीडियो वायरल होती रहती है, जिससे न सिर्फ़ बड़े बल्कि छोटे बच्चे भी प्रेरित होते हैं.

प्रेमानंद महाराज जी के प्रवचन न केवल मानसिक शांति देते हैं, बल्कि जीवन में सकारात्मक बदलाव भी लाने में मदद करते हैं. प्रेमानंद महाराज जी के पास लोग अपने मन की उलझन सुलझाने के लिए आते हैं. उनके द्वारा बताए गए सवाल और प्रभावशाली उपाय अपनाकर व्यक्ति अपनी आदतों और जीवनशैली में सुधार कर सकता है. अब इसी के चलते प्रेमानंद जी महाराज ने कुछ बातें, ओवर थिंकिंग को लेकर भी बतायी है, जिसे सभी को समझना बहुत ज़रूरी है.

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सोचने से नहीं, कर्म करने से बदलती है किस्मत

प्रेमानंद जी महाराज ने कहा, की आज कल हर युवा ओवरथिंकिंग कर रहा है, डिप्रेशन में पहुँच रहा है, लेकिन मुझे यह एक बात समझ नहीं आती है कि आख़िर हमारे सोचने से क्या होगा, प्रेमानंद जी महाराज ने कहा कि सिर्फ़ सोचने से ही सब कुछ हो जाता, तो इंसान को कभी कर्म करने की आवश्यकता ही नहीं होती, जितना समय और एनर्जी आप सोचने में लगा रहे हैं, उससे थोड़ी कम भी अगर आप अपने अच्छे कर्म करने में लगाएंगे, तो आपको कभी भी ज़्यादा सोचने की आवश्यकता नहीं होगी, अच्छे कर्म करते चले, और राधा राधा का नाम जपते चले.

सच्चा सुख विचारों में बसता है, धन-दौलत में नहीं

बस अपना काम करें, और मन में राधा राधा का नाम जपते चले जाएं, ये नाम आपके मन में शांति प्रदान करेगा, साथ ही साथ आपके शरीर में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाएगा. प्रेमानंद जी महाराज ने आगे यह भी बताया कि धन से, पद से, सुख सुविधाओं से कभी भी किसी भी इंसान को सच्चा सुख प्राप्त नहीं होता, सुख सिर्फ़ और सिर्फ़ हमारे विचारों में होता है, अगर हमारे विचार ठीक है, तो फिर हमारे पास कुछ हो या न हो हम हमेशा सुखी रहेंगे.

प्रेमानंद जी महाराज बताते हैं, की कई इंसान ऐसे होते हैं जो बहुत अमीर होते हैं, जिनके पास गाड़ी, बंगला, धन संपत्ति सब पर्याप्त होता है, लेकिन वे फिर भी सुखी नहीं रहते हैं, वहीं दूसरी तरह ऐसा होता है कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिनके पास सुख सुविधाएँ नहीं होती है, रहने को अच्छा घर नहीं होता है, तो वे लोग नमक रोटी खाते हुए भी सुखी रहते हैं, क्योंकि उन्होंने अपने मन और विचार से अपने आप को सुखी बना लिया है.

 


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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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