Plant Care: सदाबहार का पौधा न केवल घरों में सजावट के रूप में पाया जाता है, बल्कि इसके कई औषधीय गुण भी होते हैं जिस वजह से लोग इसे अपने घर में लगाना पसंद करते हैं। इस पौधे के फूल और पत्ते दोनों ही स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं।
सदाबहार के फूल को खासतौर पर हिंदू धर्म में देवी-देवताओं की पूजा में इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन इसके साथ-साथ यह डायबिटीज के मरीजों के लिए भी बहुत फायदेमंद माना जाता है।
सदाबहार का पौधा (Plant Care)
बहुत लोग अपने घर में सदाबहार का पौधा तो लगा लेते हैं, लेकिन ठीक से देखभाल नहीं होने की वजह से पौधा मुरझा जाता है और फूल खिलाना भी बंद हो जाते हैं, अगर आपके साथ भी यही समस्या हो रही है, तो अब चिंता की कोई बात नहीं है, क्योंकि आज हम आपको कुछ ऐसे ही होममेड खाद के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनकी मदद से आप अपने सदाबहार के पौधों को हरा-भरा बना सकते है और फूल भी खूब खिलेंगे।
केले के छिलके का इस्तेमाल
केले के छिलके का इस्तेमाल पौधों के लिए प्राकृतिक खाद बनाने में किया जा सकता है, और यह एक बेहतरीन केमिकल फ्री ऑप्शन है। केले के छिलके में पोटेशियम, फॉस्फोरस और कैल्सियम जैसे तत्व होते हैं जो पौधों की ग्रोथ और फूलों की संख्या बढ़ाने में मदद करते हैं।
सदाबहार के पौधे के लिए यह विशेष रूप से लाभकारी है, क्योंकि यह पौधे को जरूरी पोषक तत्व देता है और उसकी सेहत में सुधार भी लाता है। केले के छिलके से खाद बनाने की विधि काफी आसान है, जिसे आप घर पर ही तैयार कर सकते हैं। बस छिलकों को सुखाकर या पीसकर सीधे मिट्टी में मिला सकते हैं और कुछ ही दिनों में इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
केले के छिलके से होममेड खाद कैसे बनाएं
केले के छिलके से होममेड खाद बनाने के लिए सबसे पहले केले के छिलकों को अच्छे से धोकर इकट्ठा करें। फिर इन्हें एक जार में रखकर पानी से भर दें। जार को बंद करके 7 दिन तक ऐसे ही छोड़ दें, ताकि छिलके पूरी तरह से गल जाए। इस दौरान छिलके के अंदर के पोषक तत्व पानी में घुलकर एक प्राकृतिक खाद का रूप ले लेंगे। 7 दिनों के बाद जब छिलके पूरी तरह से गल जाए, तो उन्हें निकाल कर सीधी अपने पौधों की मिट्टी में डाल सकते हैं।
कैसे करें इस खाद का इस्तेमाल
सदाबहार की पौधे की देखभाल में खाद का उपयोग एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है जो पौधों की वृद्धि और स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद करता है। केले के छिलकों से तैयार की गई होममेड खाद एक प्राकृतिक और केमिकल फ्री ऑप्शन है जो पौधों को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करती है।
हालांकि, इसे सही तरीके से डालना बहुत जरूरी है। पौधों के चारों ओर मिट्टी में खाद मिलाने के बाद नियमित रूप से पानी देना आवश्यक है, लेकिन ध्यान रखें कि अधिक पानी और खाद से बचें, क्योंकि इससे पौधे की जड़े सड़ सकती है और रोगों का खतरा बढ़ सकता है। हर दो-तीन सप्ताह में खाद डालने से पौधे की सेहत में सुधार होता है और इसकी वृद्धि में मदद मिलती है