बच्चों को देना चाहते हैं अच्छे संस्कार, रोजाना कहें ये शब्द, हर जगह होगी वाहवाही

Parenting Tips: अगर आप चाहते हैं कि आपके बच्चे अच्छे संस्कार सीखें और हर जगह उनकी तारीफ हो, तो आपको उनकी परवरिश में छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना होगा। रोजाना उनके साथ ऐसी बातचीत करें, जिसमें सम्मान, विनम्रता और आभार व्यक्त करने वाले शब्द शामिल हों।

Bhawna Choubey
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Parenting Tips: जैसे-जैसे जमाना बदल रहा है वैसे-वैसे माता-पिता के लिए बच्चों की परवरिश करना चुनौती पूर्ण बनता जा रहा है। सभी माता-पिता की यही ख्वाहिश होती है कि वह अपने बच्चों को अच्छे संस्कार सिखाएं, उन्हें अच्छी-अच्छी बातें सीखने और जीवन में आगे बढ़ाने के लिए सही मार्गदर्शन दिखाएं।

घर के बड़े-बूढों की बात में गहरी सच्चाई छिपी है, कि बच्चे चिकनी मिट्टी के घड़े की तरह होते हैं जिन्हें सही आकार देना माता-पिता की जिम्मेदारी होती है। बच्चों को बचपन में जो कुछ भी सिखाया जाता है जैसे अच्छी आदतें और संस्कार यही सब कुछ उनके भविष्य की नींव बनते हैं।

बच्चों की परवरिश (Parenting Tips)

इसलिए रोजाना माता-पिता को अपने बच्चों से कुछ ऐसी बातें कहनी चाहिए , कुछ ऐसे शब्दों का प्रयोग करना चाहिए , जिससे कि बच्चों का आत्मविश्वास बढ़े और वे अच्छे संस्कार सीखें। आज हम आपको इस आर्टिकल के जरिए बताएंगे कि आप अपने बच्चों से ऐसे कौन-कौन से शब्द बोल सकते हैं, जिससे कि बच्चा अच्छे संस्कार सीखेगा और जीवन में आगे बढ़ेगा।

सुबह उठने के बाद करवाएं ये काम

अगर आपके घर में कोई बड़े-बुजुर्ग रहते हैं, जैसे कि बच्चों के दादा-दादी या कोई भी इंसान, तो आप बच्चों को सिखाएं की सुबह उठने के बाद वे उनके पैर छुए। इसके अलावा माता-पिता को सुबह बच्चों को ‘गुड मॉर्निंग’ कहकर दिन की शुरुआत करनी चाहिए। यह न केवल आदर और संस्कार को दिखाता है, बल्कि बच्चों के व्यक्तित्व में सकारात्मक और सम्मान का भाव भी भरता है।

‘Sorry’ कहने की आदत सिखाएं

अगर बच्चे कोई गलती करे तो उन्हें ‘सॉरी’ कहने की आदत जरूर सिखाएं। साथ ही अगर आपसे भी कुछ गलती होती है, तो आप भी बच्चों को सॉरी अवश्य कहें। जब बच्चे देखेंगे कि उनके माता-पिता भी अपनी गलती स्वीकार कर सॉरी बोलते हैं, तो वह इसे गंभीरता से लेंगे और यह आदत उनके व्यक्तित्व का हिस्सा बन जाएगी।

‘Thank You’ बोलने की आदत सिखाएं

माता-पिता को अपने बच्चों को हर छोटी बड़ी बात पर ‘थैंक यू’ कहना सिखाना चाहिए। जब बच्चे धन्यवाद करना सीख जाते हैं तो यह आदत उनके जीवन भर साथ रहती है। साथ ही जब बच्चा आपकी कोई मदद करें या कोई काम करे तो आप भी उसे थैंक यू जरूर कहें।

‘Please’कहने की आदत सिखाएं

‘प्लीज’ एक ऐसा शब्द है, जो बच्चों में विनम्रता और सभ्यता को उजागर करता है। माता-पिता को सबसे पहले खुद इसका इस्तेमाल करना चाहिए। जब बच्चे आपको प्लीज कहते हुए सुनेंगे तो वह इसे स्वाभाविक रूप से सिखाने लगेंगे।

 


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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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