Tungnath Temple : हमारे देश में पूरब से लेकर पश्चिम तक और उत्तर से लेकर दक्षिण तक हर छोर पर किसी न किसी भगवान का मंदिर बना हुआ है। जिसकी अपनी अलग-अलग महत्वता है, जिनमें से कुछ मंदिर वर्ल्ड फेमस है, तो कुछ देश भर के लोग जानते हैं। तो कुछ मंदिर ऐसे भी होते हैं जिसकी खासियत केवल स्थानीय लोग जानते हैं। जिनमें उत्तराखंड में स्थित बहुत से मंदिर है, लेकिन बहुत कम लोग यह जानते हैं कि दुनिया का सबसे ऊंचा शिवालय भारत के इसी राज्य में स्थित है। इसकी व्याख्या में कुछ भी कहा जाए, तो बहुत कम ही होगा। यह पर्यटन की दृष्टि से भी बहुत खास माना जाता है। यहां सालों भर टूरिस्ट आते हैं और अपनी मनोकामना पूरी होने के लिए मन्नत मांगते हैं।
रुद्रप्रयाग जिले में है स्थित
दरअसल, आज हम आपको रुद्रप्रयाग जिले में स्थित तुंगनाथ मंदिर के बारे में बताने जा रहे हैं, जो कि हिमालय की गोद में बसा हुआ है। यहां जाने से आपको वातावरण बहुत ही शांत मिलेगा। मान्यताओं के अनुसार, इस मंदिर का निर्माण महाभारत काल में पांडवों द्वारा किया गया था। वैसे तो सदियों से महादेव के भक्तों के बारे में हम सुनते आ रहे हैं। एक ऐसे ही कहानी इस मंदिर के साथ भी जुड़ी हुई है। इसमें यह बताया गया है कि महाभारत युद्ध खत्म करने के बाद जब पांडव अपने राज्य को चौतरफा सुरक्षित करके हिमालय की यात्रा पर निकले थे। तब उन्होंने इस मंदिर की स्थापना की थी जो कि आज दुनिया का सबसे ऊंचा शिवालय बन चुका है। यहां के रास्ते बहुत दुर्गम है, लोगों को पहुंचने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। इसके बावजूद, श्रद्धालु उसे कठिन यात्रा को पार करते हुए अपनी मंजिल तक पहुंचते हैं।
पर्यटकों के बीच है आकर्षण का केंद्र
इस मंदिर में पर्यटनों के आने का सबसे अच्छा समय सितंबर और अक्टूबर का माना जाता है। इस दौरान यहां का मौसम काफी सुहाना और शांतिपूर्ण होता है। इस मंदिर में आरती का समय सुबह 5:00 से 6:00 बजे तक का होता है क्योंकि मंदिर के कपाट खुलते ही साफ-सफाई करने के बाद आरती की जाती है। तो वहीं शाम की आरती मंदिर बंद होने से कुछ देर पहले होती है, जो की देखने लायक होती है। इसलिए लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बना रहता है।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।)