टॉयलेट में मोबाइल का इस्तेमाल पड़ सकता है भारी, सेहत के लिए है हानिकारक

mobile use in toilet

Using Mobile in Toilet Harmful: इंटरनेट की दुनिया ने आजकल लोगों को अपनी पकड़ में इस तरह जकड़ कर रखा है कि लोग एक दूसरे से दूर होते जा रहे हैं। आलम यहां तक हो चुका है कि मोबाइल फोन के बिना कोई भी एक पल नहीं गुजार सकता। लोग सुबह उठने के बाद से लेकर रात में सोने से पहले तक फोन चलाते रहते हैं। वह इस कदर मोबाइल के एडिक्टेड हो चुके हैं कि उनके आसपास चल रही चीजों का उन्हें ध्यान नहीं रहता है। मोबाइल की लत इस कदर हावी हो चुकी है कि अब लोग वॉशरूम, टॉयलेट में भी इसे लेकर जाने लगे हैं। यदि आप भी ऐसा करते हैं, तो हो जाएं सावधान, क्योंकि इससे आपको बहुत नुकसान हो सकते हैं।

इंफेक्शन

टॉयलेट में जाकर मोबाइल उपयोग करना सेहत के लिए बहुत ही हानिकारक होता है, क्योंकि यहां पर कई प्रकार के जर्म्स मौजूद होते हैं। ऐसे में जब आप मोबाइल चलाते हैं, तो यह बैक्टीरिया आपके फोन में आसानी से ट्रांसफर हो जाता है और धीरे-धीरे यह आपको अपनी चपेट में ले सकता है जोकि आगे चलकर आपके लिए कई तरह की बीमारियां पैदा कर सकता है।

जोड़ों में दर्द

बहुत से लोग ऐसे होते हैं जो टॉयलेट में बहुत टाइम तक अपना समय बिताना पसंद करते हैं क्योंकि वह मोबाइल लेकर जाते हैं। अब जाहिर सी बात है ज्यादा देर बैठे रहने पर मांसपेशियों में अकड़न आती है, जिससे घुटनों का दर्द शुरू हो सकता है। आगे चलकर यह तकलीफ और अधिक बढ़ सकती है। इसलिए यदि आप भी इस लत के आदी हैं तो सावधान हो जाइए।

मेंटल हेल्थ

एक स्टडी के मुताबिक, टॉयलेट में फोन उपयोग करना मेंटल हेल्थ के लिए नुकसानदायक माना जाता है। बता दें कि इससे आपकी मानसिक स्थिति पर बुरा असर पड़ता है क्योंकि यहां बैठकर आप पूरा टाइम फोन चलाते रहते हैं, जिससे आपका समय बर्बाद होता है। इसके साथ ही आपके सोने की क्षमता धीरे-धीरे खत्म होने लगती है।

(Disclaimer: यहां दी गई सूचना सामान्य जानकारी के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता है।)


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Shashank Baranwal

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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है– खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालो मैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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