Body Dysmorphia क्या है? जिससे गुजर रहे करण जौहर, कहीं आप में तो नहीं है ये लक्षण

Body Dysmorphia: फिल्म निर्माता करण जौहर ने हाल ही में खुलासा किया कि वह बॉडी डिस्मॉर्फिक डिसऑर्डर (BDD) से जूझ रहे हैं। यह एक मानसिक स्वास्थ्य विकार है जिसमें व्यक्ति को अपने शरीर की उपस्थिति के बारे में अत्यधिक चिंता होती है।

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Body Dysmorphia: बॉलीवुड के बहुमुखी प्रतिभाशाली कलाकार, करण जौहर ने हाल ही में बॉडी डिस्मॉर्फिक डिसऑर्डर (BDD) नामक एक कम चर्चित स्थिति से जूझने के बारे में खुलकर बात की। एक सफल निर्देशक, निर्माता, लेखक, डिजाइनर और टेलीविजन होस्ट के रूप में, जौहर ने इस मानसिक स्वास्थ्य समस्या पर प्रकाश डाला है, जो किसी को भी प्रभावित कर सकती है, चाहे पृष्ठभूमि या उपलब्धि कुछ भी हो। तो, असल में BDD क्या है, और यह इसका अनुभव करने वालों को कैसे प्रभावित करता है? आइए इस स्थिति के लक्षणों, कारणों और उपलब्ध उपचारों पर गहराई से विचार करें।

क्या होता है बॉडी डिस्मॉर्फिक डिसऑर्डर (BDD)

बॉडी डिस्मॉर्फिक डिसऑर्डर (BDD) एक मानसिक स्वास्थ्य स्थिति है जिसमें व्यक्ति अपने शरीर की छवि को लेकर अत्यधिक चिंतित रहता है। वे अपने शरीर में खामियां देखते हैं जो वास्तव में मौजूद नहीं होती हैं या दूसरों को दिखाई नहीं देती हैं। यह जुनून व्यक्ति के जीवन को काफी हद तक प्रभावित कर सकता है। करण जौहर का हालिया खुलासा BDD से जूझने वाले लोगों के लिए एक प्रेरणादायक कदम है। उन्होंने बताया कि वे पूल में उतरने से घबराते हैं और हमेशा बड़े कपड़े पहनते हैं, क्योंकि उन्हें लगता है कि उनका शरीर अपूर्ण है। यह बीमारी युवाओं में अधिक आम है, और इसका कारण आनुवंशिकता, सामाजिक दबाव और कम आत्मसम्मान हो सकता है।

बॉडी डिस्मॉर्फिक डिसऑर्डर के लक्षण

शारीरिक खामियों पर अत्यधिक ध्यान

व्यक्ति अपने शरीर की उन खामियों पर ध्यान केंद्रित करते हैं जो वास्तव में मौजूद नहीं होती हैं या दूसरों को दिखाई नहीं देती हैं। वे इन खामियों को लेकर अत्यधिक चिंतित और व्यस्त रहते हैं। वे लगातार इन खामियों को छिपाने या सुधारने के तरीके ढूंढते रहते हैं।

नकारात्मक शरीर की छवि

व्यक्ति अपने शरीर के बारे में नकारात्मक भावना रखते हैं। वे खुद को दूसरों से कम आकर्षक या अपूर्ण समझते हैं। वे अपनी तुलना दूसरों से करते हैं और खुद को उनसे नीचा समझते हैं।

अपनी उपस्थिति को छिपाने के लिए अत्यधिक प्रयास

व्यक्ति ढीले-ढाले कपड़े पहन सकते हैं, मेकअप का अत्यधिक उपयोग कर सकते हैं, या अपने बालों को इस तरह से स्टाइल कर सकते हैं कि उनकी खामियां छिप सकें। वे तस्वीरों में आने से बच सकते हैं या सार्वजनिक स्थानों पर जाने से हिचकिचा सकते हैं।

दूसरों की राय के प्रति अत्यधिक संवेदनशील

व्यक्ति दूसरों की राय के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होते हैं, खासकर उनके शरीर के बारे में। वे किसी भी तरह की आलोचना या नकारात्मक टिप्पणी को गंभीरता से लेते हैं। वे लगातार दूसरों द्वारा आंके जाने या उनका मजाक उड़ाए जाने के डर में रहते हैं।

सामाजिक अवसरों से बचना

व्यक्ति सामाजिक अवसरों से बच सकते हैं, खासकर उन जगहों से जहां उन्हें अपनी उपस्थिति दिखानी होगी, जैसे कि स्विमिंग पूल या बीच। वे डेटिंग या अंतरंग संबंधों से भी बच सकते हैं।

अन्य मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं

BDD वाले लोग अक्सर अवसाद, चिंता, कम आत्मसम्मान, सामाजिक चिंता, या आत्म-हानि जैसी अन्य मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं का भी अनुभव करते हैं।

(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)

 

 


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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