Boomer Ellipses: टेक्नोलॉजी के बदलते दौर ने न सिर्फ काम करने के तरीके को बदला है, बल्कि सोचने, समझने और लिखने के तरीके में भी क्रांतिकारी बदलाव लाए हैं। यह बदलाव संवाद के तरीकों में भी झलकता है, खासकर वॉट्सऐप जैसे मैसेजिंग प्लेटफॉर्म पर। 2009 में लॉन्च हुए वॉट्सऐप ने लोगों के बीच बातचीत को आसान बना दिया, चाहे वह निजी हो या पेशेवर। लेकिन समय के साथ, मैसेजिंग के तरीकों में भी बदलाव आया है।
आज की पीढ़ी के लिए कुछ चीजें समझना मुश्किल हो सकता है, जैसे कि “बूमर एलिप्स”। यह तीन बिंदुओं (ellipsis) का इस्तेमाल है, जिसे अक्सर बूमर पीढ़ी (बेबी बूमर्स) द्वारा टेक्स्ट मैसेज में अत्यधिक रूप से देखा जाता है। इसका अत्यधिक उपयोग Gen Z (Gen Z) को भ्रमित करता है, क्योंकि तीन बिंदुओं के अनेक अर्थ हो सकते हैं, जैसे कि सोचने का विराम, असुरक्षा, या अधूरा विचार। यह अंतर पीढ़ियों की संवाद शैली में अंतर को दर्शाता है। जहां Gen Z संक्षिप्त और सीधी भाषा पसंद करते हैं, वहीं बूमर तीन बिंदुओं का उपयोग करते हैं, जो Gen Z को अनावश्यक लगता है।
क्या होता है Boomer Ellipses
आजकल चैटिंग करते वक्त या खबरें पढ़ते वक्त आपने कभी तीन बिंदु (…) देखे होंगे? ये ही तीन बिंदु मिलकर बनते हैं “बूमर एलिप्स” बूमर कौन? बूमर वो लोग हैं जिनका जन्म दूसरे विश्व युद्ध के बाद हुआ था, यानी आजकल के 60-80 साल के लोग। एलिप्स क्या? ये वही तीन बिंदु (…) होते हैं। इन्हें वाक्य में कुछ अधूरा छोड़ने के लिए इस्तेमाल किया जाता है, तो अब आप सोच रहे होंगे इसमें दिक्कत कहां है? आज की पीढ़ी (Gen Z) सीधी और कम शब्दों वाली बात करना पसंद करती है। उन्हें ये तीन बिंदु अनावश्यक लगते हैं। तीन बिंदुओं के कई मतलब हो सकते हैं – सोचने का विराम, अनिश्चितता, या अधूरा ख्याल। ये अस्पष्टता पैदा कर देता है।आपके दादा-दादी चैट करते वक्त अक्सर तीन बिंदु लगा देते हैं। ये शायद इसलिए क्योंकि वो अपना पूरा ख्याल लिखने से पहले ही भेज देते हैं, या फिर थोड़ा रुककर कुछ और कहना चाहते हैं। लेकिन आजकल के युवाओं को ये तीन बिंदु समझ नहीं आते और थोड़ी परेशानी होती है।
आखिर थ्री डॉट GenZ के लिए कंफ्यूजन
बड़े लोग (जिन्हें बूमर कहते हैं) चैट और ईमेल में अक्सर तीन डॉट्स “…” का इस्तेमाल करते हैं। आज के युवा को ये थोड़ा परेशान कर देता है। बूमर इन डॉट्स का मतलबा क्या निकालते हैं? उनके लिए ये कई चीजें हो सकती हैं – शायद वो थोड़ा रुकना चाहते हैं ताकि आप सोच सकें, या उन्हें यकीन नहीं हो रहा या उलझन में हैं। कभी-कभी ये बात को हल्का बनाने के लिए भी इस्तेमाल होता है। लेकिन जेन ज़ी को ये कंफ्यूजन पैदा करता है। उन्हें लगता है कि उनकी बात पूरी नहीं हो पा रही या सामने वाला रुचि नहीं ले रहा। गलतफहमी पैदा हो जाती है।