जीवनशैली,डेस्क रिपोर्ट। ये बात आपने अक्सर सुनी होगी और कही भी होगी की खाना हो गया अब कुछ मीठा हो जाए। यानि, खाने के बाद मुंह मीठा (eating sweets after meal) करना जरूरी है। पर, क्या ये मीठा खाने (dessert) का सही समय है। या, खाने के बाद मीठा खाना ज्यादा नुकसानदायी हो सकता है। इसका सही जवाब और सही तर्क छुपा है आयुर्वेद में। जिसमें मीठा खाने के सही समय और कारणों का जिक्र भी मिलता है। आयुर्वेद के हिसाब से मीठा खाने का वक्त जानकर शायद आप चौंक भी जाएं। क्योंकि ये बरसों से चली आ रही परंपरा से बिलकुल उलट है।
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क्या है आयुर्वेद की सलाह?
आयुर्वेद के मुताबिक मीठा खाना है तो भोजन से पहले मीठा खा (eating sweets before meal) लिया जाना चाहिए। केरल और कुछ अन्य तटीय राज्यों में खाना खाने से पहले आधा केला और खाने के बीच में आधा केला खाने की परंपरा भी रही है। ऐसा माना जाता है कि इस तरह से डाइजेशन को इम्प्रूव किया जा सकता है। खाने के साथ साथ मीठा खाने से एसिडिटी की समस्या से भी छुटकारा पाया जा सकता है।
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कब फायदेमंद है मीठा?
>> मीठा खाने से टेस्ट बड्स तुरंत एक्टिव हो जाते हैं।
>> मीठे को हाई कैलोरी फूड माना ही जाता है। जिस वजह से उसे डाइजेस्ट करने में समय लगता है। खाने से पहले मीठा खाने पर भूख कम हो जाती है। पेट देर तक भरा हुआ लगता है।
>> खाने से पहले मीठा खाने से डाइजेशन बढ़ाने वाले हार्मोन्स एक्टिव हो जाते हैं।
>> खाना खाने के बाद मीठा खाने से डाइजेशन की रफ्तार धीमे पड़ सकती है।
>> खाने के बाद मीठा खाने से ब्लोटिंग हो सकती है या गैस की परेशानी भी हो सकती है।
*Disclaimer :- यहाँ दी गई जानकारी अलग अलग जगह से जुटाई गई एक सामान्य जानकारी है। हमारी सलाह है कि मीठा खाने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें, उसके बाद ही उपयोग करें। MPBreakingnews इसकी पुष्टि नहीं करता है।