Relationship Tips : सभी लोग अपने रोमांटिक और वैवाहिक रिश्तों को मधुर और सुखद बनाना चाहते हैं, लेकिन कई बार रिश्ते में संघर्ष, तनाव और गलतफहमियों का सामना भी करना पड़ता है। ऐसे में रिश्तो का टूटना, तलाक, ब्रेकअप और बेवफाई जैसी चीजें बेहद आम हैं। हालांकि, कई बार यह इंसान को अंदर से तोड़ कर रख देता है। बहुत लोग अपनी यादों से बहुत जल्दी बाहर आ जाते हैं, तो बहुत सारे लोग उन यादों में खोए रह जाते हैं। साइकोलॉजी टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, रिश्ते टूटने की सबसे बड़ी वजह ‘रिलेशनशिप स्ट्रेस’ है।
रिलेशनशिप स्ट्रेस का मतलब है रिश्ते में ऊबन और थकान का अनुभव होना। लगातार झगड़े और बहस होने से रिश्ते में तनाव बढ़ता है। इसके अलावा, जब कोई हमेशा अपनी इच्छाओं और जरूरतों को दबाता है, तो उसे रिश्ते में बोझ महसूस होने लगता है। सही तरीके से एक-दूसरे से बातचीत नहीं हो पाने के कारण भी गलतफहमियां बढ़ती है।
ना करें ये गलती
- पार्टनर की छोटी बातों को भी एप्रिशिएट करें।
- एक-दूसरे के स्ट्रॉन्ग पॉइंट का सम्मान करें।
- एक-दूसरे की जरूरतों के प्रति हमेशा सजग रहें।
- फिजिकल और इमोशनल इंटिमेसी बनाए रखें।
- रिश्ते में गलती से भी कम्युनिकेशन गैप न होने दें।
- वैल्यू, गोल और फ्यूचर डिसाइड करें।
ऑस्ट्रेलियाई रिलेशनशिप थेरपिस्ट क्लिंटन पॉवर के अनुसार, रिश्ते में तनाव और थकान का होना स्वाभाविक है। इसे पूरी तरह से रोका भी नहीं जा सकता। दरअसल, मनमुटाव और संघर्ष किसी भी रिश्ते का हिस्सा होता है। हालांकि, रिलेशनशिप स्ट्रेस को मैनेज किया जा सकता है ताकि इससे रिश्ते को नुकसान न पहुंचे।
अपनाएं ये टिप्स
- अपने पार्टनर से खुलकर बात करें। अपनी भावनाओं को उनके साथ शेयर करें। इससे गलतफहमियां दूर होती है।
- एक-दूसरे के साथ क्वालिटी टाइम स्पेंड करें। इससे तनाव कम होगा और रिश्ते में मजबूती आएगी।
- कई बार रिश्ते में गलतियों को स्वीकार करना भी बहुत जरूरी होता है। अगर आप अपने पार्टनर से माफी मांग लेते हैं, तो इससे रिश्ते में काफी हद तक सुधार हो सकता है।
- इसके अलावा, फिजिकल और इमोशनल इंटिमेसी रिश्ते में बेहद जरूरी है। ये दोनों ही पहलू रिश्ते को मजबूत बनाते हैं।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)