किताब पढ़ते ही क्यों आने लगती है नींद? जानें इसके पीछे का कारण

कई लोगों को किताब पढ़ते ही आलस महसूस होने लगता है और कुछ ही देर में नींद घेर लेती है. यह समस्या आम है, चाहे आप पढ़ाई कर रहे हों या कोई कहानी की किताब.

Bhawna Choubey
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आपने भी अक्सर कई लोगों को देखा होगा या फिर ऐसा महसूस किया होगा, जब कभी भी किताब पढ़ने लगते हैं, तो अचानक तेज नींद आने लगती है. कई लोगों को मोबाइल और वीडियो देखने पर भी गहरी नींद आने लगती है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आख़िर ऐसा क्यों होता है, यह समस्या न सिर्फ़ बच्चे बल्कि बड़ों में भी देखने को मिलती है. ज़्यादातर यह समस्या किताब पढ़ने के दौरान देखने को मिलती है, आज हम इस आर्टिकल में इसका कारण जानेंगे और विस्तार से समझेंगे कि आख़िर ऐसा क्यों होता है.

छोटे अक्षर (Feel Sleepy while reading?)

किताबों में लिखे अक्षर बहुत छोटे-छोटे होते हैं, जिस वजह से हमें उन्हें पढ़ने के लिए आँखों पर ज़ोर डालना पड़ता है, ऐसे में हमारी आंखें थक जाती है, और बार-बार बंद होने लगती है. किताब पढ़ने से आँखों को थकान महसूस होती है, इसी वजह से हमें सोने का सिगनल मिलता है.

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किताब पढ़ते हुए थकान महसूस क्यों होती है?

अक्सर देखा जाता है कि लोग बिस्तर पर बैठकर या फिर लेटकर किताब पढ़ते हैं, जिस वजह से भी आलस आता है और सोने का मन करता है. किताब पढ़ने के दौरान हमारा दिमाग़ और ऑंखें एक ही जगह पर फ़ोकस करने पर मजबूर हो जाती है, और एक जैसी ही लाइन और पेज हमें बार बार नज़र आते हैं, जिस वजह से भी आँखों को आराम की आवश्यकता होती है.

पढ़ते-पढ़ते नींद आने की यह भी वजह

अब बहुत लोगों के मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि हम न तो किताब लेटकर पड़ते हैं, न अपने बिस्तर पर बैठकर फिर भी हमें नींद क्यों आती है, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कई बार हम जो किताबों पढ़ रहे है, वह हमारे इंटरेस्ट की नहीं होती है, किताब में लिखा गया कंटेंट हमें पसंद नहीं आता है, यही कारण है कि हमें कई बार टेबल पर बैठकर भी किताब पढ़ने के दौरान नींद आती है.

 


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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं।मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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