Reservation in promotion: 2023 में प्रभारी डिप्टी कलेक्टर घोषित कर इन तहसीलदारों को सामान्य प्रशासन विभाग (GAD) ने अपने संवर्ग के अधीन भले ही कर लिया है और जिलों में उनकी पदस्थापना कर एसडीएम बना दिया गया है लेकिन GAD अब तक तय नहीं कर पा रहा है कि इन्हें कोई बैच अलाट किया जाए या नहीं किया जाए। उधर, 2019 में सिलेक्ट 24 और 2020 की पीएससी की परीक्षा में सिलेक्ट 24 समेत कुल 48 डिप्टी कलेक्टर जनवरी 2024 का बैच पाकर इन प्रभारी डिप्टी कलेक्टरों से सीनियर हो गए हैं।
क्या है इसका कारण?
दरअसल 2016 में हाईकोर्ट जबलपुर द्वारा प्रमोशन में रिजर्वेशन को लेकर दिए गए आदेश के बाद, सरकार की नीति में बदलाव के कारण सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर है। जिसके चलते इससे तहसीलदारों को पदस्थापना में विलंब हो रहा है और उन्हें बैच अलाट करने की संभावना कम हो रही है। साथ ही, 2019 और 2020 की पीएससी परीक्षा में सिलेक्ट हुए डिप्टी कलेक्टरों को बैच अलाट करने का एलान करने में सरकार विफल रही है, जिससे उनमें आक्रोश और चिंता बढ़ रही है।
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका:
हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका कर सुधार की मांग की है, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने अभी तक कोई सुनवाई नहीं की है। राजस्व विभाग के तहसीलदारों को इस स्थिति का सामना करना पड़ रहा है और उन्हें सीनियरिटी में कमी का सामना करना पड़ रहा है, जिसे वे गलती की सजा कहीं न कहीं भुगत रहे हैं।
इस मामले में राज्य प्रशासनिक सेवा संघ के अफसरों की टीम ने पिछले माह मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से मुलाकात की, लेकिन इस बारे में अभी भी कोई नतीजा नहीं आया है। इस तनावपूर्ण स्थिति में सरकार के कड़ी कदम से चिंता बढ़ रही है और सुप्रीम कोर्ट के निर्णय की प्रतीक्षा जारी है।