Indore Bawadi Accident : रामनवमी के दिन बिलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में हुए दर्दनाक हादसे में करीब 36 लोगों की मौत हो गई। कईयों ने अपनी पत्नियों को खोया तो कईयों ने अपने बच्चों को। इतना ही नहीं बीते दिन एक साथ एक ही गली से 11 शव की अंतिम यात्रा निकाली गई। ऐसे में सभी की आंखें नम हो गई। 31 मार्च का दिन इंदौर के लिए ब्लैक था। इस हादसे ने शहर के हर एक व्यक्ति को झकझोर कर रख दिया।
Indore Bawadi Accident : 47 साल बाद इंदौर दर्दनाक हादसा
47 साल बाद इंदौर में ऐसा हादसा हुआ है जिसमें एक साथ 36 मौतें हुई है। इससे पहले 1976 में जहरीली शराब कांड में करीब 100 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। जिसमें 7 महिलाएं भी शामिल थी। उसके पहले 1970 में पिपलियापाला में नौका डूबने से 21 लोगों की जान चली गई थी। वहीं 47 साल बाद अब बालेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर में दर्दनाक हादसे में 36 लोगों की जान गई। जिन्हें बड़ी मशक्कत के बाद 80 साल पुरानी बावड़ी से बाहर निकाला गया।
बुजुर्ग महिला ऊपर खींचते हुए जब टूट गई रस्सी
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। देखा जा सकता है किस तरह से रेस्क्यू टीम लोगों को रस्सी और सीढ़ियों के द्वारा बाहर निकालने की कोशिश कर रही है। इसी दौरान एक बुजुर्ग महिला को बावड़ी से बांधकर कर बाहर लाया जा रहा था तब अचानक रस्सी टूट गई और बुजुर्ग महिला सीधा बावड़ी में जा गिरी। इस वीडियो में लोगों का दिल दहला कर रख दिया।
बेसुध हालत में दिख रही महिला ऊपर तक आ ही गई थी कि अचानक रस्सी टूटने की वजह से फिर बावड़ी में जा गिरी। दूसरी बार जब वह बावड़ी में गिरी तो बेहोश हो गई। ऐसे में हितेश पटेल नाम के युवक ने पानी में तैर कर उनकी जान बचाई और फिर से रस्सी बांधकर ऊपर उठाने का प्रयास किया लेकिन वह ऐसा नहीं कर पाए। अंधेरा होने की वजह से काफी दिक्कत हो रही थी वहीं महिला भी कुछ बोल नहीं पा रही थी। ना ही महिला की सांसे चल रही थी।
सेना के जवानों ने लोगों को निकाला बाहर
जानकारी के मुताबिक, रेस्क्यू ऑपरेशन की टीम के साथ फायर ब्रिगेड की टीम और कई नौजवान लोगों को बाहर निकालने में जुटे हुए थे। सेना के नौजवानों ने कई लोगों को बावड़ी से बाहर निकालने में मदद की। बावड़ी काफी गहरी थी। उसमें अंधेरा ही अंधेरा था। इतना ही नहीं वहां बदबू भी काफी ज्यादा थी।
इसकी जानकारी मेजर अर्जुन सिंह द्वारा एक इंटरव्यू में दी गई है। उन्होंने बताया है कि गंदे पानी की बदबू की वजह से सांस ले पाना भी कठिन था। साथ ही लोगों के शव तलाशने में भी काफी ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ा। लोगों के शव पानी में गलने की वजह से बदबू मारने लगे थे। वहीं शव भारी भी हो गए थे। ऐसे में सबसे जयादा बच्चों के शव भारी लगे।